नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
Swami Vivekananda Jayanti: स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। इस बार उनकी 162वीं जन्म जयंती मनाई जाएगी। स्वामी विवेकानंद ने वेदांत और योग का परिचय दुनिया से करवाया। वे युवा शक्ति को राष्ट्रनिर्माण का आधार मानते थे। यही वजह है कि 12 जनवरी के दिन को विश्व युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। विवेकानंद देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। उनके विचार आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं। हम आपको स्वामी विवेकानंद के 10 ऐसे विचार बताने जा रहे हैं, जो युवाओं का जीवन बदल देंगे।
स्वामी विवेकानंद का बचपन
स्वामी विवेकानंद का जन्म कोलकाता में विश्वनाथ दत्त और भुवनेश्वरी देवी के घर हुआ था। उनके बचपन का नाम नरेंद्र दत्त था। छोटी उम्र से ही उन्होंने असाधारण बौद्धिक कौशल का प्रदर्शन किया था। उनकी बौद्धिक क्षमता के कारण ही उनका नाम विवेकानंद पड़ा। रामकृष्ण परमहंस को नरेंद्र ने अपना गुरु बनाया। स्वामी विवेकानंद एक संत ही नहीं, बल्कि एक महान दार्शनिक भी थे।
विवेकानंद का मशहूर भाषण
स्वामी विवेकानंद ने 11 सितंबर 1893 अमेरिका के शिकागो शहर में आयोजित हुए विश्व धर्म संसद में औजपूर्ण भाषण दिया और दुनिया में भारत भूमि का गौरव बढ़ाया। ये भाषण इतना प्रभावशाली था कि पूरा सभागार तालियों की आवाज से गूंज उठा था। विवेकानंद के इस भाषण को आज भी लोग सुनते हैं। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत अमेरिका के लोगों को भाई और बहन कहकर की, ये लोगों के दिल को छू गया और विवेकानंद विश्वभर में प्रसिद्ध हो गए।
स्वामी विवेकानंद के विचार
- आप जो सोचते हैं, वही बन जाते हैं। अगर आप खुद को कमजोर मानते हैं, तो आप कमजोर बनेंगे। अगर आप खुद को मजबूत मानते हैं, तो आप मजबूत बनेंगे।
- कोई भी चीज जो आपको शारीरिक तौर से, बौद्धिक तौर से या आध्यात्मिक तौर से कमजोर बना रही हो, उसे जहर की तरह नकार दो।
- विश्वास रखो कि तुम सबकुछ कर सकते हो। साहसी बनो और जोखिम उठाने से मत डरो।
- हम जो हैं वो हमें हमारे विचारों ने बनाया है। इसलिए आप क्या सोचते हैं इसका ख्याल रखें। शब्द उसके बाद आते हैं। विचार जीते हैं, वो लंबी दूरी तय करते हैं।
- खुद पर विश्वास करें और पूरी दुनिया आप पर विश्वास करेगी।
- अपने जीवन का एक लक्ष्य बनाओ, उस पर निरंतर ध्यान केंद्रित करो और उसे पूरा करने के लिए मेहनत करो।
- उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।
- जब दिमाग और दिल के बीच मतभेद चल रहा हो, तब अपने दिल की सुनना।
- डरो मत, डर से बुरा कुछ नहीं है।
- एक समय में एक काम करो और उसे पूरे मन से करो।
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