नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
कुछ समय पहले रणवीर सिंह और आलिया भट्ट की एक मूवी आई थी ‘ रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई की थी। फिल्म का कॉन्सेप्ट काफी अलग था जिसमें नायक कुछ समय के लिए अपनी नायिका के घर पर रहता है ताकि वे एक दूसरे के परिवारों को समझ सकें। ये मूवी रूढ़वादी परम्पराओं को तोड़ती नजर आई थी, लेकिन ये परम्परा कोई नई नहीं है। इसकी जड़ें लौह युग (Iron Age) से जुड़ी हुई हैं जो पाषाण युग और कांस्य युग के बाद आया था। ब्रिटेन के पुरातत्वविदों ने Iron Age के पुरुषों पर किए अध्ययन में यह दावा किया है कि उस समय लोग शादी करके अपने परिवार के साथ रहने के बजाय पत्नियों के परिवार में शामिल हो जाते थे। इस प्रथा को Matrilocality कहा जाता था जो कि आज के समय की प्रथा से बिल्कुल उलट है।
शोध में सामने आई बात
शोधकर्ताओं ने बताया कि ब्रिटेन के सेल्टिक समाज के लोग इस प्रथा का पालन करते थे। ट्रिनिटी कॉलेज की प्रमुख शोधकर्ता ने बताया कि उस समय भी मातृसत्तात्मक परिवार थे। जो महिलओं की सोच, दृष्टिकोण और उनकी नेतृत्व करने की क्षमता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह सोच बहुत ही भयानक है जहां महिलाओं को कमजोर समझा जाता है और उनको घरों में कैद कर दिया जाता है। वैज्ञानिकों ने 50 से अधिक लोगों के जीनोम पर अध्ययन किया जो कब्रिस्तान में दफन थे। ये लोग ड्यूरोट्रिगेस समुदाय के थे। शोधकर्ताओं को कब्र में दफन महिलाओं के साथ कीमती सामान भी मिला। इससे पता चलता है कि उस समय की महिलाओं के पास सत्ता भी थी और वे सम्पन्न भी थीं। यह सब इस बात का सबूत है कि लौह युग की महिलाओं और पुरुषों में कोई खास अन्तर नहीं था।
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