नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
लगभग आठ हजार वर्ष पुरानी सिंधु घाटी सभ्यता की कड़ी तमिलनाड़ु से जुडी हुई प्रतीत होती है क्योंकि वहां सिंधु घाटी जैसे भित्ति चित्रों की खोज हुई है। तमिलनाडु के पुरातत्व विभाग ने लगभग 140 जगहों पर खुदाई की जिसमें 15 हजार से अधिक सिंधु घाटी सभ्यता जैसी सामग्री मिली है। प्रोफेसर के राजन और आर शिवनाथन के निर्देशन मेंं यह महत्वपूर्ण खोजें हुई हैं।
पुरातत्व विभाग को 60 फीसदी चिन्ह और 90 फीसदी सामग्री सिंधु घाटी सभ्यता से मेल खाती हुई मिली है जिनमें 4ृ2 उनकी बेस सामग्री,544 वैरियंट और 1521 सामग्री मिश्रित रूप में मिली है। पुरातत्वविदों का कहना है कि खुदाई में मिली कीलादी और शिवागलई की कलाकृतियां कार्बन डेटिंग के अनुसार लगभग 2600 और 3200 वर्ष पुरानी हैा जिनका सम्बंध हडप्पा सभ्यता से हो सकता है हालांकि कुछ विशेषज्ञों ने इसको इतना पुराना मानने से इन्कार किया है।
तमिलनाडु में मिले भित्ति चित्र
उत्तर भारत में जितनी सभ्यता से जुडी सामग्री की खोज हुई है, उनमें ज्यादातर तमिलनाडु में ही मिली हैं। 5000 से अधिक भित्ति चित्र तो सिर्फ थिरुकपट्टी के तिरूनवेलवेली में ही मिले हैं। इसके साथ- साथ कुछ कीलादी,अरिकामेदू,उरायुर और कोराकई सहित अन्य जगहाें पर भी मिले हैं।
सिंधु घाटी सभ्यता दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है। यह सभ्यता कास्य युगी थी और इसे हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है। जिसका कुछ हिस्सा भारत और पाकिस्तान में मिलता है। भारत में इसकी खोज बीसवी सदी के आरंभ में हुई थी।
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