नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
आमतौर पर धूल और गंदे वातावरण को सेहत के लिए बहुत ही खराब माना जाता है। हाल ही में शोधकर्ताओं ने बताया कि अंतरिक्ष स्टेशन में अधिक स्वच्छ वातावरण एस्ट्रोनॉट की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि लम्बे समय तक अंतरिक्ष में रहने उनके स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है।
सूक्ष्मजीवों की कमी से सेहत को होता है नुकसान
शोधकर्ताओं ने बताया कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में मिट्टी और पानी में पाए जाने वाले पर्यावरणीय सूक्ष्मजीवों की काफी कमी है, जिन्हें प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए फायदेमंद माना जाता है। सूक्ष्मजीव विविधता की कमी यह समझाने में मदद कर सकती है कि अंतरिक्ष यात्रियों को अक्सर चकत्ते, ठंड के घाव, फंगल संक्रमण और दाद जैसी प्रतिरक्षा-संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना क्यों करना पड़ता है। शोधकर्ताओं ने सलाह दी कि भविष्य में इन सूक्ष्मजीवों को अंतरिक्ष स्टेशनों में रखने से स्वच्छता से समझौता किए बिना अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
प्रमुख शोधकर्ता सैलिडो ने कहा, "अगर हम वाकई चाहते हैं कि पृथ्वी के बाहर जीवन पनपे, तो हम जीवन के पेड़ की एक छोटी सी शाखा लेकर उसे अंतरिक्ष में नहीं भेज सकते और उम्मीद नहीं कर सकते कि यह कामयाब हो जाएगा।" "हमें यह सोचना शुरू करना होगा कि हमें इन अंतरिक्ष यात्रियों के साथ और कौन से लाभकारी साथी भेजने चाहिए ताकि वे ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र विकसित कर सकें जो सभी के लिए टिकाऊ और लाभकारी हों।
आपको बता दें कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर महज 8 दिन के लिए स्पेस स्टेशन पर गए थे, लेकिन उन्हें अब तक 9 महीने पूरे हो चुके है नासा और स्पेस एक्स के संयुक्त मिशन के तहत उनका वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसा बताया जा रहा है कि मार्च के महीने में उनको वापस लाया जा सकता है।