गांधी नगर, वाईबीएन नेटवर्क।
धरती अपने गर्भ में न जाने क्या-क्या छुपाए हुए है। इसके बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है। हाल ही में भूवैज्ञानिकों ने गुजरात के भावनगर में प्राचीन शहर वल्लभीपुर की खोज की है। बेंगलुरु के National Institute of Advanced Studies के आर्य एस प्रदीप और एमबी रजनी ने रिमोट सेंसिंग डेटा के साथ इसका एनालिसस किया।
किताबों में मिलता है वल्लभी का जिक्र
इतिहासकारों के मुताबिक वल्लभीपुर गुजरात के भावनगर में स्थित एक प्राचीन शहर था। ये शहर उस उस समय काफी सम्पन्न था, जो मैत्रक वंश की प्रशासनिक राजधानी हुआ करती थी। सौराष्ट्र के भूगोल के अनुसार मैत्रक वंश का शासन 5वी़ से 8वी़ शताब्दी के आस-पास था। शोधकर्ताओं ने वल्लभीपुर की राजधानी और बौद्ध मठों का पता लगाया है। उन्होंने कहा कि जिस तकनीक से इस शहर की खोज हुई है आने वाले समय में उससे बहुत फायदा होगा। कई महत्वपूर्ण खोजों में इस तकनीक की मदद ली जा सकती है। इससे कई छुपे हुए रहस्यों से पर्दा उठ सकता है। भावनगर के कई प्राचीन ग्रंथों और साहित्य में इस शहर का जिक्र मिलता है।
वल्लभी की विरासत
अध्ययन से पता चलता है कि वल्लभी उस समय काफी विकसित और भव्य शहर रहा होगा। यह एक किले बंद राजधानी थी, इसके आसपास कई बौद्ध मठ थे। 7वीं शताब्दी में आए चीनी यात्री हृनेसांग और यिजिंग के अभिलेखों को हवाला देते हुए शोधकर्ताओं ने कहा कि वल्लभी और नालंदा समकालीन शहर थे। दोनों शहर ही शिक्षा के क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध थे। वल्लभी में मिले प्रमाण ये बताते हैं कि यहां के बौद्ध मठों की बनावट नालंदा, विक्रमशिला और सोमपुरा के मठों के समान ही है। ये शहर नदी या झील के किनारे स्थित था, शोधकर्ताओं को इस शहर के किनारे बंदरगाह होने के प्रमाण मिले हैं। इतिहासकारों ने अनुमान लगाया है कि भावनगर में दरबारगढ़ नाम की जगह है जो काफी भव्य है। हो सकता है कि दरबारगढ़ ही वल्लभी का सत्ता केंद्र रहा हो। पुरातत्वविद अभी भी इसका अध्ययन कर रहे हैंं।
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