नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
वैज्ञानिक रोज कोई न कोई चौकाने वाले दावे करते ही रहते हैं। हर दावा इंसानों को चौका ही देता है। हाल ही में एक ऐसा ही दावा सामने आया है कि जिस पर आपको यकीन नहीं होगा। शोधकर्ताओं का कहना है कि बिल्ली पालने वाले लोग उनसे संवाद भी कर सकते हैं।
जानवर पालने वालों को अक्सर उनसे लगाव हो ही जाता है। लोग उनसे भावनात्मक जुडाव महसूस करते हैं। ससेक्स विश्वविद्यालय की मनोवैज्ञानिक करेन मैककॉम्ब ने 2020 के एक बयान में कहा, "एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसने जानवरों के व्यवहार का अध्ययन किया है और जो एक बिल्ली का मालिक है, यह दिखा पाना बहुत अच्छा है कि बिल्लियाँ और मनुष्य इस तरह से बातचीत कर सकते हैं।"
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अगर आपने बिल्लियों के आस-पास कुछ समय बिताया है, तो आपने शायद उनके चेहरे के भाव देखे होंगे, साथ ही धीरे-धीरे पलकें झपकाना भी देखा होगा। यह वैसा ही है जैसे मुस्कुराते समय इंसान की आँखें सिकुड़ जाती हैं और आमतौर पर ऐसा तब होता है जब बिल्ली आराम से और संतुष्ट होती है। इस भाव को एक तरह की बिल्ली की मुस्कान के रूप में समझा जाता है।
इंसान और बिल्ली का लगाव
बिल्ली के मालिकों से कई ऐसे संकेत मिलते है कि मनुष्य बिल्लियों को यह संदेश देने के लिए इस इस प्रकार की नकल कर सकते हैं कि हम दोस्त हैं और बातचीत के लिए तैयार हैं । मनोवैज्ञानिकों की एक टीम ने यह जानने के लिए प्रयोग किए कि क्या बिल्लियाँ धीमी गति से पलकें झपकाने वाले मनुष्यों के प्रति अलग तरह से व्यवहार करती हैं। आने वाले परिणामों से पता चला है कि जो मालिक अपने अपनी बिल्लियों के साथ पलकें झपकाते हैं, उनके प्रति बिल्लियां अधिक लगाव महसूस करती हैं।
कुत्तों के साथ अन्याय
पिछले कुछ शोधों से यह भी पता चला है कि बिल्लियां कुत्तों की तुलना में अधिक घुल पाली जाती हैं। लोग कुत्तों की तुलना में बिल्लियों को अधिक तवज्जो दे रहे हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि कुत्तों के साथ अन्याय हो रहा है।
बिल्लियों के लिए अच्छी बात
ससेक्स विश्वविद्यालय की मनोवैज्ञानिक तस्मिन हम्फ्रे ने कहा , "बिल्लियों और मनुष्यों के बीच बातचीत को समझने से बिल्लियों के बारे में लोगों की समझ बढ़ सकती है, बिल्लियों के जीवन में सुधार हो सकता है।
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