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कुपोषित बच्चों को एनआरसी केंद्र में भर्ती कराएं: DM ने और क्या कहा, जानिए

जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार की अध्यक्षता में जिला पोषण समिति की बैठक बुधवार को विकास भवन सभागार में संपन्न हुई। आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत बच्चों के आधार कार्ड बनवानेको लेकर आवश्यक निर्देश दिए गए।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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बरेली। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार की अध्यक्षता में जिला पोषण समिति की बैठक बुधवार को विकास भवन सभागार में संपन्न हुई। बैठक में आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत बच्चों के आधार कार्ड बनवाने और कुपोषित बच्चों को एनआरसी (पोषण पुनर्वास केंद्र) में भर्ती करने को लेकर आवश्यक निर्देश दिए गए। इसके अलावा नए आंगनबाड़ी केंद्रों को बनाने के लिए 12 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।

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शिविर लगाकर बच्चों के आधार कार्ड बनाए जाएंगे

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सीडीओ जगप्रवेश ने जानकारी दी कि जनपद में कुल 3.6 लाख बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत हैं, जिनमें से 1.54 लाख बच्चों के आधार कार्ड पहले ही बनाए जा चुके हैं। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि शेष 2.06 लाख बच्चों के आधार कार्ड एक से डेढ़ महीने के भीतर अनिवार्य रूप से बनवा लिए जाएं। इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए कुछ आधार पंजीकरण केंद्रों को विशेष रूप से चिन्हित किया जाएगा, जिससे आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित बच्चों के आधार कार्ड जल्द तैयार किए जा सकें। इसके अलावा, लापरवाही बरतने वाली 16 निष्क्रिय आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों में से 8 की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं, जबकि शेष 8 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसी तरह, 27 निष्क्रिय सहायिकाओं में से 9 की सेवा समाप्त कर दी गई है और 18 को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है।

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कुपोषित बच्चों की भर्ती में देरी पर डीएम ने जताई नाराजगी

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बैठक में जानकारी दी गई कि पिछले चार महीनों से न्यूट्रिशन रीहैबिलिटेशन सेंटर (एनआरसी) में बच्चों की भर्ती प्रक्रिया सुचारू रूप से नहीं चल रही है, जिससे कुपोषण उन्मूलन अभियान प्रभावित हो रहा है। इस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताते हुए एनआरसी में शत-प्रतिशत क्षमता के अनुरूप भर्ती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। सीडीपीओ अधिकारियों ने बताया कि एनआरसी कर्मियों के अनुचित व्यवहार के कारण कई अभिभावक बच्चों को वापस ले जाते हैं। इस पर जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को तत्काल प्रभाव से संबंधित कर्मी की सेवा समाप्त करने के आदेश दिए।

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इसके अलावा, जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि प्रत्येक माह आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत गर्भवती महिलाओं की सूची मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज को उपलब्ध कराई जाए, ताकि जननी सुरक्षा योजना का लाभ सुनिश्चित किया जा सके और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिले। साथ ही, ग्राम प्रधानों और आशा कार्यकर्ताओं के संयुक्त खाते सक्रिय करने तथा सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में वजन मशीन की समय पर खरीद और उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।

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12 लाख की लागत से बनेंगे नए आंगनबाड़ी केंद्र

122 आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण की योजना तैयार की गई है। प्रत्येक केंद्र के निर्माण के लिए 12 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिसमें 2 लाख रुपये ग्राम पंचायत, 2 लाख रुपये महिला एवं बाल विकास विभाग और 8 लाख रुपये मनरेगा फंड से प्रदान किए जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य आंगनबाड़ी केंद्रों को अधिक सशक्त और सुविधाजनक बनाना है। बैठक में सीडीओ जगप्रवेश, जिला कार्यक्रम अधिकारी, पीडी (एनआरएलएम), जिला विकास अधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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