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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के आह्वान पर शुक्रवार को अधिवक्ताओं ने एडवोकेट अमेंडमेंट बिल 2025 का जमकर विरोध किया, और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की। इसके बाद एडीएम को ज्ञापन सौंपा। विरोध प्रदर्शन के दौरान अधिवक्ताओं ने कहा कि एडवोकेट अमेंडमेंट बिल 2025 को तत्काल वापस लिया जाए। अधिवक्ता और उनके परिवार की सुरक्षा के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट शीघ्र लागू किया जाए।
बरेली बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज कुमार हरित, सचिव वीरेंद्र प्रसाद ध्यानी के नेतृत्व में अधिवक्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे अधिवक्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। इसके बाद राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी को दिया। यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ और उपाध्यक्ष अनुराग पाण्डेय ने सभी जिलों की बार एसोसिएशन को पत्र भेजकर एडवोकेट अमेंडमेंट बिल पर विरोध दर्ज कराने का निर्देश दिया है।
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बरेली बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज कुमार हरित ने कहा कि अमेंडमेंट बिल 2025 का सभी विरोध कर रहे हैं। उन्होंने अमेंडमेंट बिल 2025 को तुरंत वापस लिया जाए। उन्होंने कि अधिवक्ता और परिवार के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का प्राविधान किया जाए। परिषदों में निर्वाचित सदस्यों के अतिरिक्त कोई समाहित न किया जाए। उनके लोकतान्त्रिक स्वरूप को यथावत रखा जाए। परिषदों के सदस्यों या अस्तित्व पर सुझाए गए संशोधन को तुरन्त समाप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अधिवक्ताओं का 10 लाख का मेडिक्लेम दिया जाए। किसी अधिवक्ता की मृत्यु होने पर 10 लाख की बीमा राशि प्रदान की जाए। पंजीकरण के समय प्रत्येक अधिवक्ता से लिए जा रहें पांच सौ रूपये के स्टाम्प की राशि प्रादेशिक परिष्दों को वापस की जाए।
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उन्होंने कहा कि केरल की तरह राज्य सरकार द्वारा विधिक स्टाम्प की बिक्री से प्राप्त धनराशि का दो प्रतिशत अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च किया जाए। केन्द्र सरकार द्वारा रेगुलेशन बनाने की जो बातें कही गयी हैं उसे तुरन्त समाप्त होना चाहिए। पूर्व में नियम बनाने का जो अधिकार एडवोकेट्स एक्ट में प्रावधानित था, उसको उसी प्रकार रखा जाए।
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बार एसोसिएशन अध्यक्ष ने बताया कि 21 फरवरी को अधिवक्ता शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करेंगे। इसके उपरांत 25 फरवरी को सुबह 10 से शाम 5 बजे तक ट्रेजरी और रजिस्ट्री कार्यालय का घेराव करेंगे। इस दौरान किसी भी डीड राइटर को बैनामा करने की अनुमति नहीं देंगे।