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बरेली। दहेज के खातिर महिला की बांके से गला काटकर हत्या के मामले में स्पेशल जज फास्ट ट्रैक कोर्ट रवि कुमार दिवाकर ने थाना नवाबगंज के गांव जयनगर निवासी पति मकसद अली, ससुर साबिर अली और सास मसीतन उर्फ हमसीरन को दोषी करार दिया था, गुरुवार को पूरे मामले में कोर्ट ने सजा का ऐलान कर पति और सास-ससुर को फांसी की सजा सुनाई है।
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शासकीय अधिवक्ता दिगंबर पटेल ने विवेचक सीओ हर्ष मोदी समेत आठ गवाह पेश किए थे। पुलिस ने उत्पीड़न, दहेज हत्या, दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना के बाद पति, सास-ससुर के विरुद्ध आरोप पत्र कोर्ट भेजा था। 1 मई 2024 की शाम 4 बजे फराह मकसद अली ने अपने परिवार वालों के साथ मिलकर बांके से गला काटकर हत्या कर दी है।
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सरकारी वकील संतोष श्रीवास्तव एवं सौरभ तिवारी ने बताया कि देवरनियां रिछा वार्ड-8 मोहल्ला गौंटिया निवासी मुसब्बर अली ने थाना नवाबगंज में तहरीर देकर बताया था कि उन्होंने अपनी बहन फराह की शादी लगभग दो साल पहले मकसद अली के साथ की थी। शादी के बाद से मकसद अली और ससुराल वाले दहेज में बुलेट बाइक और सोने के जेवरात की मांग कर परेशान करते थे।
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साथ ही प्रत्येक पर 1 लाख 80 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। इस मामलें में अदालत ने 4 फरवरी को तीनों को दोषी करार दिया था। दहेज की मांग पूरी न होने पर महिला की निर्मम तरीके से बांके से गला काटकर हत्या करने के मामले में स्पेशल जज फॉस्ट ट्रैक कोर्ट रवि कुमार दिवाकर ने पति मकसद अली, ससुर साबिर अली व सास मसीतन उर्फ हमसीरन को मृत्युदंड (फांसी) की सजा सुनाई हैं।