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नारद मोह कथा से शुरू हुई बमनपुरी रामलीला

बमनपुरी में आज से आरंभ हुई विश्व प्रसिद्ध 165 वीं रामलीला के प्रथम दिवस में कथा व्यास मुनेश्वर दास जी ने राम जन्म की कथा सुनाई। पहले दिन श्री राम जन्म की लीला का मंचन किया गया।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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बरेली। बमनपुरी में आज से आरंभ हुई विश्व प्रसिद्ध 165 वीं रामलीला के प्रथम दिवस में  कथा व्यास मुनेश्वर दास जी ने राम जन्म की कथा सुनाई । पहले दिन श्री राम जन्म की लीला का मंचन किया गया। कलाकारों के जीवनकाल से श्रोता मंत्र मुक्त हो गए। कथा व्यास ने बताया कि एक बार माता पार्वती ने भगवान शिव से पूँछा कि हे नाथ, मैं जानना चाहती हूँ कि प्रभु श्रीराम ने मनुष्य का शरीर किस कारण से धारण किया।

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अत्याचार बढ़ने पर प्रभु धरती पर प्रकट होते हैं

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भगवान शिवजी बताते हैं कि हे देवी, जब जब धर्म की हानि होती है औरअभिमानी, असुर एवं अधर्म की वृद्धि होती है। इतने सारे अत्याचार होते है कि जितना वर्णन शब्दो मे वर्णित न हो सके। जब साधु, गाय, ब्राम्ह्यण पर अत्यधिक अत्याचार होने लगते हैं। तब तब प्रभु, अलग अलग रुप मे धरती पर अवतरित होते है। जिस समय जिस शरीर की आवश्यकता होती है। प्रभु वही शरीर लेकर अवतरित होते है। जब वाराह (सूकर) बनने की आवश्यकता थी। तब वह वाराह बने,l। जब नरसिंह बनने की आवश्यकता पडी, तब नरसिंह बने। कभी परशुराम तो कभी वामन तो कभी कच्छप अवतार। जब जैसी परिस्थिति थी, तब वैसा ही रुप बनाकर प्रभू ने अवतार ग्रहण किया। इस प्रकार वे अलग अलग शरीर धारण कर के संतो एवं सज्जनो की पीड़ा हरने के लिये आते है। उसी क्रम मे भगवान श्री राम ने भी जन्म लिया।

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शिव जी ने राम कथा के साथ नारद मोह की कथा का भी वर्णन किया कि एक बार नारदजी को स्वयं के रूप और ज्ञान पर घमंड हो गया था। चूंकि नारदजी माता पार्वती के गुरु थे। इसलिए पार्वती ने इस कथा को गहनता से सुना।

भगवान शिव स्वयं करते हैं श्री राम की स्तुति

रामचरित मानस में बालकाण्ड के पहले श्लोक के महत्व का वर्णन करते हुए कथा व्यास गुरु मुनेश्वर दास जी ने कहा कि ये भगवान जो सबमें व्याप्त है। उस अविनाशी को पाने के सारे सूत्र ही इस रामचरित मानस का मुख्य बिंदु है।  इसके श्रवण और अवलोकन से प्रभु प्राप्ति निश्चित है। भगवान शिव स्वयं राम की स्तुति करते हैं। राम के ईश्वर स्वयं शिव हैं तो ये सब भगवान की लीला का ही एक रुप है क्यूंकि भगवान ने अवतार क्यों लिया। ये तो स्वयं भगवान जानते हैं। हम सिर्फ़ वर्णन कर सकते हैं।

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मुख्य अतिथि ने आरती उतार कर किया विधिवत उद्घाटन

आज लीला का प्रारंभ श्री लक्ष्मी नारायण जी के स्वरूपों द्वारा फेरा निकाल कर हुआ। उसके उपरांत मुख्य अतिथि ने आरती उतार कर विधिवत शुभारंभ किया। आरंभ में रामलीला पदाधिकारियों ने स्वरूपों को तिलक लगाकर और माला पहनाकर अभिनंदन किया। रामलीला अध्यक्ष राजू मिश्रा ने क्षेत्र वासियों का स्वागत कर सबसे रोज़ाना लीला में आने का आह्वान किया। मेला कमेटी के प्रवक्ता विशाल मेहरोत्रा ने बताया कि कल सीता मैया का जन्म होगा। उसके पश्चात फूलों की होली खेली जाएगी। उसके बाद भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। आज की लीला में नारद मोह, रावण जन्म और श्री राम जन्म का मंचन किया गया। पदाधिकारियों में संरक्षक सर्वेश रस्तोगी, अखिलेश अग्रवाल, एडवोकेट पंकज मिश्रा, विवेक शर्मा, महेश पंडित, पंडित सुरेश कटिहा, सत्येन्द्र पांडेय, लवलीन कपूर, सुनील रस्तोगी, राज कुमार गुप्ता, सचिन श्याम भारतीय, कौशिक टण्डन, सोनू पाठक, दिनेश दद्दा, नरेंद्र सिंह, मयंक सागर, सौरव शर्मा, महिवाल रस्तोगी, बॉबी रस्तोगी, अमित रस्तोगी, सर्वेश रस्तोगी संपू आदि शामिल थे।

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