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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। सीडीओ ने एक पुराने मामले में डीडीओ के स्टेनो हरीश गंगवार को सस्पेंड कर दिया है। हरीश गंगवार मिन्ट्रीरियल एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। जिस मामले में उन्हें सस्पेंड किया गया है वह करीब बीस साल पुराना बताया जा रहा है। फिलहाल कर्मचारी नेता इस समय अपना निलंबन रुकवाने की जुगत में लगे हैं।
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सूत्रों के मुताबिक 2006 उर्दू अनुवादकों की प्रमोशन फाइल उनके पास आई थी, इस फाइल पर उन्होंने यह आपत्ति लगवा दी थी कि उर्दू अनुवादकों के लिए इसके आगे कोई ग्रेड नहीं है। इस वजह से उर्दू अनुवादकों का प्रमोशन नहीं हो सका था। कुछ समय पहले यह फाइल बाहर आने पर मामले की जांच कराई गई। इस दौरान वह जीओ पेश किया गया, जो उर्दू अनुवादकों के प्रमोशन नीति से संबंधित था। इससे पता चला कि 2006 में जो आपत्ति लगाई गई थी वह नियमविरुद्ध थी। इस पर सीडीओ ने हरीश गंगवार को सस्पेंड कर दिया।
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विकास भवन में जाति के आधार पर बाबुओं के दो गुट बन गए हैं। दोनों ही गुट एक-दूसरे के खिलाफ साजिश रचते रहते हैं। कभी कोई गुट हावी रहता है तो कभी दूसरा। बताते हैं कि 2006 में उर्दू अनुवादकों के प्रमोशन में अड़गा लगाकर स्टेनो हरीश गंगवार ने दूसरे कर्मचारी का प्रमोशन करा दिया था। इसके बाद से कर्मचारी उनके खिलाफ लामबंद होना शुरू हो गए थे। बताते हैं कि इसी गुटबाजी के चक्कर में उन पर दूसरे गुट ने गाज गिरवा दी।
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कर्मचारी नेता हरीश गंगवार ने इस कार्रवाई को एकपक्षीय बताया है। उन्होंने कहा कि 2006 के जिस मामले में उन्हें सस्पेंड किया गया है उनका उससे कोई लेनादेना नहीं है। इस मामले में एकतरफा कार्रवाई की गई है। उनका कोई पक्ष नहीं सुना गया। हालांकि उन्होंने आदेश की प्रति मिलने से इन्कार किया।