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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। नगर निगम का अतिक्रमण के खिलाफ अभियान भी सफेद हाथी बनकर रह गया है। लाइलाज होती इस बीमारी का हल नगर निगम के अफसर अब तक नहीं खोज पाए हैं। मंगलवार को मरीज लेकर जिला अस्पताल जा रही एंबुलेंस कुतुबखाना पुल से पहले नॉवल्टी चौराहे पर काफी देर तक जाम में फंसी रही और ट्रैफिक सिपाही मोबाइल देखने में व्यस्त था।
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जिला अस्पताल रोड को जाम से मुक्ति मिले इसलिए करीब 150 करोड़ रुपये की लागत से कुतुबखाना पर फ्लाईओवर बनाया गया ताकि इस रोड को जाम से मुक्ति मिल सके लेकिन करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद हालात नहीं सुधरे। जाम की वजह से मरीजों को जिला अस्पताल लेकर जाने वाली एंबुलेंस भी इसमें फंस जाती है, इससे मरीज की जान भी सांसत में पड़ जाती है।
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पुल बनने के बाद सड़क पर ठेले-फड़ वालों ने जमाया ठेरा
जिला अस्पताल रोड पर अतिक्रमण की मर्ज कोई नई नहीं है। यह बरसों से चला आ रहा है। पहले सड़क के दोनों छोर पर दुकानदारों का कब्जा था लेकिन फ्लाईओवर बनने के बाद पुल के नीचे बीच की सड़क भी ठेले-फड़ वालों ने घेर ली। हालात यह हैं कि आम दिनों में भी इस सड़क से दोपहिया वाहन तक से निकलना मुश्किल होता है। त्योहार के दिनों में तो पैदल चलना मुश्किल है।
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एक तरफ हटता है अतिक्रमण दूसरी तरफ फिर होने लगता है
नगर निगम की अतिक्रमण हटाने वाली टीम भी सिर्फ खानापूरी ही करती है। एक तरफ टीम अतिक्रमण हटाते हुए आगे बढ़ती चली जाती है, दूसरी तरफ पीछे-पीछे अतिक्रमण फिर होता चला जाता है। अफसर भी पलटकर हालात का जायजा लेना जरूरी नहीं समझते। पिछले हफ्ते ही नगर निगम की टीम ने जिला अस्पताल रोड से अतिक्रमण हटवाया था। इस दौरान दुकानदारों से टीम की नोकझोंक भी हुई थी लेकिन उसके बाद फिर हालात जस के तस हो गए।
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जिला अस्पताल पहुंचे डीएम ने नगर आयुक्त को दिए अतिक्रमण हटवाने के निर्देश
डीएम रविंद्र कुमार मंगलवार दोपहर करीब एक बजे जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे तो उन्हें अतिक्रमण की इस समस्या से दो-चार होना पड़ा। निरीक्षण के बाद डीएम ने नगर आयुक्त को फोन कर तत्काल अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। हालांकि के निर्देश के कई घंटे बाद भी टीम मौके पर नहीं पहुंची थी।