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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। माफिया ने शिक्षा को कमाई का धंधा बना लिया है। पढ़ाने के नाम पर बच्चों के अभिभावकों से समय-समय पर रुपये वसूल किए जाते हैं। अवैध वसूली का एक और मामला भमोरा इलाके के एक महाविद्यालय का सामने आया है। जहां बच्चों को अंक तालिका देने के नाम पर पांच-पांच सौ रुपये वसूले जा रहे हैं। रुपये न देने वाले बच्चे से अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है। जिला पंचायत सदस्य राजेंद्र पाल ने इसकी शिकायत रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति और जिलाधिकारी से की है।
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जिला पंचायत सदस्य राजेंद्र पाल के मुताबिक भमोरा इलाके में स्थित एक महाविद्यालय में अंकतालिका देने के बदले बच्चों से पांच-पांच सौ रुपये लिए जा रहे हैं। उनकी बेटी प्रियंका भी उसी महाविद्यालय में पढ़ती है। वह अपनी बीए तृतीय वर्ष की अंकतालिका लेने गई तो कॉलेज वालों ने उससे पांच सौ रुपये देने को कहा। उसने रुपये देने से मना किया तो कॉलेज वालों ने उसके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया। इससे उनकी बेटी मानसिक तनाव में आ गई।
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पांच सौ रुपये लेने के बाद दी मार्कशीट
राजेंद्र पाल के अनुसार परेशान होकर उनकी बेटी प्रियंका ने पांच सौ रुपये दे दिए। तब उसे अंकतालिका दी गई। उन्होंने रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति और डीएम रविंद्र कुमार को शिकायती पत्र भेजकर महाविद्यालय के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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जनप्रतिनिधि भी नहीं बच पाए रिश्वतखोरों से
राजेंद्र पाल का कहना है कि रिश्वतखोरी इतनी बढ़ गई है कि जनप्रतिनिधि भी इसका शिकार हो रहे हैं। ऐसे हालात में आम आदमी का बुरा हाल है। उसकी सुनने वाला कोई नहीं है। राजेंद्र ने इस मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की है।