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बरेली,वाईबीएनसंवाददाता
उत्तराखंड उच्च कानून लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया। भले ही उच्च कानून से मुसलमान को दिक्कत हो लेकिन बरेली के बाजार उमेश गौतम ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपनी यूनिवर्सिटी इन्वर्टिस में बुलाकर यह संकेत दे दिया कि अब वह खुलकर यूसीसी कानून का समर्थन करेंगे। राजनीतिक पंडितो का मानना है कि महापौर उमेश गौतम अब नगर निगम से आगे की राजनीति हिंदुत्व के रथ पर सवार होकर करेंगे।
महापौर डॉ उमेश गौतम ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में अपनी राजनीति की शुरुआत बसपा से की थी। उस समय उन्होंने बीएसपी के टिकट पर बरेली से भाजपा के दिग्गज नेता संतोष गंगवार के खिलाफ़ चुनाव लडा था। उस चुनाव में उमेश गौतम हालांकि पराजित होकर तीसरे नंबर पर रहे थे, लेकिन उसके बाद उन्होंने भाजपा में अपने पत्ते फिट किए। बरेली के तमाम दिग्गजों को महापौर के टिकट की दावेदारी में पीछे करते हुए कमल का चुनाव निशान हासिल कर लिया और 2017 मे नगर निगम का चुनाव जीतकर मेयर बन गए। वर्ष 2022 में भी तमाम किंतु परंतु को झुठलाते हुए उमेश गौतम ने दोबारा महापौर की कुर्सी हासिल कर ली। सू़त्रों का कहना है कि दो बार मेयर बनने के बाद डॉ उमेश गौतम की नजर विधानसभा चुनाव लड़ने पर है। इसके वह लखनऊ से लेकर दिल्ली तक भाजपा के बड़े नेताओं के बीच में घुसपैठ बनाने में लगे हुए हैं।
कैंट विधानसभा से चुनाव लड़ने के लग रहे हैं कयास
राजनीतिक पंडित के इतिहास लग रहे हैं कि वर्तमान भाजपा महापौर डॉक्टर उमेश गौतम वर्ष 2027 का विधानसभा चुनाव कैंट से लड़ सकते हैं किसके लिए भाभी से माहौल बनाने में जीते हुए हैं हालांकि विधानसभा का चुनाव लड़ने या ना लड़ने के मुद्दे पर उमेश गौतम ने कभी खुलकर कोई बात नहीं की। मगर राजनीति से जुड़े सूत्रों का कहना है की महापौर में गौतम 3000 अब विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद यूपी सरकार में मंत्री बनने की तरफ़ टिकी है। सू़त्रों के अनुसार हाल ही में डॉक्टर कुमार विश्वास की बेटी की दिल्ली के ताज होटल में हुए वैवाहिक समारोह में भाजपा के मेयर उमेश गौतम सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव के पैर छूते नजर आए थे। इसके बाद वह केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री और यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के प्रभारी रह चुके धर्मेंद्र प्रधान के पिता के देहावसान पर उनको श्रद्धांजलि देने उड़ीसा स्थिति उनके घर भी गए थे। भाजपा से टिकट न मिलने की स्थिति में अक्सर मेयर उमेश गौतम के दूसरे दलों से भी कैंट से विधानसभा का चुनाव लड़ने की चर्चाएं राजनीतिक हलकों में गूंजती रहती हैं।
अब कट्टर हिन्दुत्व की राजनीति की ओर झुकाव
भाजपा का मेयर होने के बाद भी महापौर उमेश गौतम की छवि आमतौर पर धर्मनिरपेक्ष ही मानी जाती है। नगर निगम की राजनीति में भी उनकी छवि कट्टर नही है, लेकिन अपनी इनवर्टिस यूनिवर्सिटी में उन्होंने UCC के मुद्दे पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बुलाकर जो राजनीतिक संदेश दिया है। वह इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि अब महापौर उमेश गौतम अपनी छवि को कट्टर हिंदूवादी बनाकर आगे की राजनीति करना चाहते हैं। हालांकि इस मुद्दे पर वह खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। मगर, भाजपा के कट्टरवादी नेताओं के इर्द-गिर नजर आना इस बात का ओर संकेत है कि वह भाजपा के अंदर भविष्य में कट्टर हिन्दुत्व की राजनीति की धुरी बन सकते हैं।