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Bareilly News: साइबर स्लेवरी बना नया खतरा, युवाओं को जाल में फंसाने की साजिश

एडीजी रमित शर्मा ने आईआईआईटी प्रयागराज द्वारा आयोजित साइबर सुरक्षा जागरूकता दिवस” कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में ऑनलाइन प्रतिभाग किया। उन्होंने साइबर अपराध के बदलते स्वरूप, उसके नए-नए तौर-तरीकों और प्रभावी रोकथाम उपायों पर विस्तार से चर्चा की।

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Akhilesh Sharma
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एडीजी रमित शर्मा Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

बरेली, वाईबीएन नेटवर्क।  एडीजी रमित शर्मा ने आईआईआईटी प्रयागराज द्वारा आयोजित साइबर सुरक्षा जागरूकता दिवस” कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में ऑनलाइन प्रतिभाग किया। उन्होंने सत्र के दौरान साइबर अपराध के बदलते स्वरूप, उसके नए-नए तौर-तरीकों और प्रभावी रोकथाम उपायों पर विस्तार से चर्चा की।

 एडीजी रमित शर्मा ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट साइबर अपराध का नया रूप है, जिसमें अपराधी खुद को किसी सरकारी एजेंसी या पुलिस अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं और उनसे धन वसूलते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में लोगों को तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल या 112 हेल्पलाइन पर शिकायत करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि साइबर स्लेवरी के तहत अपराधी युवाओं को विदेशी कंपनियों या ऑनलाइन जॉब के नाम पर फर्जी रोजगार का झांसा देकर ऑनलाइन धोखाधड़ी और डेटा चोरी जैसे अपराधों में उलझा देते हैं। एडीजी ने कहा कि युवाओं को किसी भी ऑनलाइन ऑफर पर विश्वास करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच करनी चाहिए। इसके बाद ही उन्हें भरोसा करना चाहिए। सत्र में एडीजी ने पुलिस रेस्पॉन्स मैकेनिज़्म पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अब साइबर अपराध शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई के लिए हर जिले में साइबर थाने और हेल्पडेस्क स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा उन्होंने आईटी एक्ट, 2000 और भारतीय दंड संहिता की साइबर अपराध संबंधी धाराओं की जानकारी दी, ताकि आम नागरिक अपने अधिकारों और पुलिस सहायता के प्रति जागरूक रहें।बरेली। एडीजी रमित शर्मा ने आईआईआईटी प्रयागराज द्वारा आयोजित साइबर सुरक्षा जागरूकता दिवस” कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में ऑनलाइन प्रतिभाग किया। उन्होंने सत्र के दौरान साइबर अपराध के बदलते स्वरूप, उसके नए-नए तौर-तरीकों और प्रभावी रोकथाम उपायों पर विस्तार से चर्चा की। एडीजी रमित शर्मा ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट साइबर अपराध का नया रूप है, जिसमें अपराधी खुद को किसी सरकारी एजेंसी या पुलिस अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं और उनसे धन वसूलते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में लोगों को तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल या 112 हेल्पलाइन पर शिकायत करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि साइबर स्लेवरी के तहत अपराधी युवाओं को विदेशी कंपनियों या ऑनलाइन जॉब के नाम पर फर्जी रोजगार का झांसा देकर ऑनलाइन धोखाधड़ी और डेटा चोरी जैसे अपराधों में उलझा देते हैं। एडीजी ने कहा कि युवाओं को किसी भी ऑनलाइन ऑफर पर विश्वास करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच करनी चाहिए। इसके बाद ही उन्हें भरोसा करना चाहिए। सत्र में एडीजी ने पुलिस रेस्पॉन्स मैकेनिज़्म पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अब साइबर अपराध शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई के लिए हर जिले में साइबर थाने और हेल्पडेस्क स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा उन्होंने आईटी एक्ट, 2000 और भारतीय दंड संहिता की साइबर अपराध संबंधी धाराओं की जानकारी दी, ताकि आम नागरिक अपने अधिकारों और पुलिस सहायता के प्रति जागरूक रहें।

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