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Bareilly News: डिजिटल हाजिरी न देने पर वेतन रोकने के आदेश के विरोध में शिक्षकों का धरना प्रदर्शन

शिक्षकों ने डिजीटल हाजिरी के विरोध में बृहस्पतिवार को बीएसए कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया।वहीं दूसरी ओर बीएसए ने डिजिटल हाजिरी न लगाने पर वेतन रोकने का आदेश दे दिया है। विभाग के इस रवैये पर शिक्षकों ने अपना विरोध जताया।

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Akhilesh Sharma
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बरेली में बीेएसए कार्यालय पर प्रदर्शन करते शिक्षक। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

बरेली, वाईबीएन नेटवर्क। शिक्षकों ने बृहस्पतिवार को बीएसए कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि डिजिटल हाजिरी में शिक्षक तमाम दिक्कतों से जूझते हैं। वहीं दूसरी ओर बीएसए ने डिजिटल हाजिरी न लगाने पर वेतन रोकने का आदेश दे दिया है। विभाग के इस रवैये पर शिक्षकों ने अपना विरोध जताया। 
बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति (हाजिरी) को डिजिटल बनाने की महत्वाकांक्षी योजना, तकनीकी खामियों के कारण शिक्षकों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है। एक तरफ जहां प्रधानाध्यापक विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप पर सिस्टम की लगातार विफलता की शिकायत कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बीएसए ने सख्त आदेश जारी कर दिया है कि बच्चों की डिजिटल हाजिरी न देने पर पूरे स्कूल स्टाफ का वेतन रोक दिया जाएगा। इस कार्रवाई की चेतावनी से हजारों शिक्षक परेशान हैं। इसको लेकर प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों और शिक्षक नेताओं ने बृहस्पतिवार शाम चार बजे बीएसए कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन भी किया।
शिक्षकों के अनुसार, डिजिटल उपस्थिति दर्ज करने की समय सीमा सुबह नौ से 10 बजे तक निर्धारित है, लेकिन इस दौरान सिस्टम बार-बार धोखा दे रहा है। इसमें कई स्कूलों में आवंटित टैबलेट ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। इज्जतनगर की प्रधानाध्यापक ने बताया कि हाजिरी मार्क करने के बाद भी डेटा सिंक नहीं हुआ, जिससे उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाई। प्राथमिक विद्यालय बंदिया के प्रधानाध्यापक की भी यही शिकायत रही। कंपोजिट स्कूल बारादरी में प्रधानाध्यापक को सबसे अधिक नेटवर्क की समस्या का सामना करना पड़ा। प्राथमिक विद्यालय सरनिया की प्रधानाध्यापक तो उपस्थिति दर्ज करने के बाद उसे सेव तक नहीं कर पा रही हैं। शहर में जिस स्कूल परिसर में खंड शिक्षा अधिकारी तौसीफ अहमद और दिनेश चंद्र जोशी का कार्यालय है और जहां विभाग का डिजिटल स्टाफ लगातार मौजूद रहता है, वहीं के प्रधानाध्यापक मो. ताहिर अकबर को भी हाजिरी दर्ज करने में तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यह घटना दर्शाती है कि समस्या सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि शहरी और विभागीय केंद्रों में भी व्याप्त है।
शिक्षकों की लगातार शिकायतें अनसुनी हो रही हैं और उन्हें कोई समाधान नहीं मिल रहा। इसके विपरीत, बीएसए ने बच्चों की उपस्थिति न दे पाने पर संपूर्ण स्टाफ का वेतन रोकने का आदेश जारी कर दिया है। शिक्षक नेताओं ने बताया कि वह निर्धारित समय में हाजिरी दर्ज करने के लिए पूरे दिन सिस्टम से जूझते रहते हैं, जिसका सीधा असर बच्चों के शिक्षण कार्य पर पड़ रहा है। शिक्षक संगठनों ने विभाग के इस रवैये पर कड़ा विरोध जताते हुए मांग की है कि जब तक तकनीकी ढांचा (टैबलेट, ऐप और नेटवर्क) पूरी तरह से मजबूत नहीं हो जाता, तब तक वेतन कटौती जैसे कड़े कदम वापस लिए जाएं।

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