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Bareilly News: झारखंड के राज्यपाल को MJPRU ने दिया लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड,, 94 टापर्स को स्वर्ण पदक 113 शोधार्थियों को उपाधि

एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय का 23वां दीक्षांत समारोह गुरुवार को अटल सभागार में आयोजित किया गया। जिसमें राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने 94 टापर्स को स्वर्ण पदक और 113 शोधार्थियों तो उपाधि देकर सम्मानित किया। समारोह में मंच पर एक साथ दो राज्यपाल मौजूद रहे।

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Akhilesh Sharma
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झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार को रुहेलखंड विश्वविद्यालय की ओर से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड देतीं कुलाधिपति राज्यपाल आनंदी बेन पटेल साथ में हैं कुलपति प्रो. केपी सिंह और उच्च शिक्षामंत्री योगेंद्र उपाध्याय। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

बरेली, वाईबीएन संवाददाता। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय का 23वां दीक्षांत समारोह गुरुवार को अटल सभागार में आयोजित किया गया। जिसमें राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने 94 टापर्स को स्वर्ण पदक और 113 शोधार्थियों तो उपाधि देकर सम्मानित किया। समारोह में मंच पर एक साथ दो राज्यपाल मौजूद रहे। 
उत्तर प्रदेश की ओर से विश्वविद्यालय की कुलाधिपति राज्यपाल आनंदी बेन पटेल शामिल हुईं। जबकि झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार अतिविशिष्ट विशेष अतिथि के रूप में मंच पर मौजूद रहे। रुहेलखंड विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के 23वें दीक्षान्त समारोह की अध्यक्षता कर रहीं राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल, झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, मुख्य अतिथि राजीव आहूजा निर्देशक आईआईटी रोपड़ पंजाब, विशिष्ट अतिथि योगेन्द्र उपाध्याय मंत्री उच्च शिक्षा, विशिष्ट अतिथि रजनी तिवारी, राज्य मंत्री उच्च शिक्षा, कार्यपरिषद् व विद्यापरिषद् के सदस्यगण, जनप्रतिनिधि, विश्वविद्यालय के शिक्षक व कर्मचारी उपस्थित रहे। 

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छात्रा को सम्मानित करतीं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी. सिंह ने दीक्षांत उद्बोधन में कहा कि वर्ष 2024-25 में रुहेलखड विश्वविद्यालय ने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। विश्वविद्यालय को नैक द्वारा 3.6 स्कोर के साथ 3.6 ग्रेड से ए मान्यता प्राप्त है। विश्वविद्यालय को यूजीसी, नई दिल्ली द्वारा श्रेणी-1 का दर्जा प्राप्त है। केंद्र सरकार की पीएम उषा परियोजना के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। बुनियादी ढांचे के उन्नयन और मजबूती के लिए पीएम उषा परियोजना के अंतर्गत 10 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। शैक्षणिक और शोध वातावरण को बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया है। विश्वविद्यालय को ANRE-PAIR परियोजना के अंतर्गत 10 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। रुहेलखंड इनक्यूबेशन फाउंडेशन जो विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित एक सेक्शन 8 कंपनी है, को 10 करोड रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। विश्वविद्यालय ने समर्थ पोर्टल को अपनाया है और पोर्टल के माध्यम से विभिन्न गतिविधियां शुरू की गई हैं, जबकि कुछ अन्य गतिविधियाँ प्रक्रिया में हैं। इस वर्ष विश्वविद्यालय की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में विश्वविद्यालय स्वर्ण जयंती वर्ष मना रहा है एवं विश्वविद्यालय में नवनिर्मित द्वार (स्वर्ण जयंती द्वार) का निर्माण करा चुका है। जिसका उद्घाटन महामहिम द्वारा किया गया है। कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और समझौता ज्ञापन स्थापित किए गए हैं।

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पीएचडी उपाधि देतीं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
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कुछ अंतर्राष्ट्रीय समझौता ज्ञापन निम्न हैं

मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय, एमहस्टमहट, मैसाचुसेट्स, अमेरिका, सुमी स्टेट यूनिवर्सिटी (सुमदु), सुमी, यूक्रेन, वेस्टर्न यूनिवर्सिटी, महेंद्रनगर, कंचनपुर, नेपाल, कृषि अनुसंधान संगठन वोल्कैनी इंस्टीट्यूट, रिशोन लेजियन, इजराइल, नेशनल फॉर्मोसा यूनिवर्सिटी, ताइवान, मिसिसिपी वैली स्टेट यूनिवर्सिटी, अमेरिका, फिलोमैथ यूनिवर्सिटी अबुजा, नाइजीरिया, जॉन कैरोल यूनिवर्सिटी (जेसीयू), यूनिवर्सिटी हाइट्स, ओहायो, अमेरिका, शिक्षा प्रभाग, भारत में ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र, ताइवान, भारत में ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र, वारसॉ विश्वविद्यालय, पोलैंड (प्रक्रिया में), हाल ही में एनआईआरएफ रैंकिंग में विश्वविद्यालय ने राज्य विश्वविद्यालयों के बीच रैंक बैंड 51-100 और फार्मेसी श्रेणी में रैंक बैंड 101-125 में समग्र रैंक हासिल की है।

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उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय को सम्मानित करते कुलपति प्रो. केपी सिंह। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

सबसे पहले ब्लाक चेन सिस्टम शुरू

उत्तर प्रदेश के सभी आवासीय विश्वविद्यालयों में सर्वप्रथम रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय ने ब्लॉक चेन सिस्टम द्वारा विद्यार्थियों की डिग्री, मार्कशीट एवं शैक्षणिक दस्तावेजों आदि को महामहिम राज्यपाल महोदया के कर कमलों द्वारा अपलोड किया जा रहा है। ब्लॉक चेन सिस्टम सबसे आधुनिक तकनीक है जिसमें किसी भी शैक्षणिक प्रमाण पत्र की कूट रचना नहीं हो सकती। इससे विद्यार्थियों को बहुत सुविधा मिलेगी सभी दस्तावेज पूरे विश्व में कहीं भी हर समय उपलब्ध रहेंगे जिससे विद्यार्थियों को रोजगार लेने दस्तावेजों के प्रमाणीकरण या विदेशों में शिक्षा प्राप्त करने में बहुत सुगमता होगी।

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राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को सम्मानित करते कुलपति प्रो. केपी सिंह। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

विवि नवाचार शोध में आगे

रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय ने सत्र 2024-25 के लिए 44 विषयों में 110 पीएचडी पूर्ण कराए गए है। शोध में विदेशी अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के प्रवेश को कार्यान्वित किया गया। सत्र 2024-25 नए पीएचडी पर्यवेक्षकों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए और विश्वविद्यालय, इसके संबद्ध कॉलेजो ं और अन्य विश्वविद्यालयों के नियमित संकायों से 15 पर्यवेक्षकों को मंजूरी दी गई है। अब तक सत्र 2024-25 तक रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय 1748 पीएच.डी. थीसिस शोधगंगा वेबसाइट पर अपलोड किए गए हैं। विश्वविद्यालय में नवाचार, प्रशासनिक एवं शैक्षणिक सुधारों से संबंधित अन्य विभिन्न कार्य प्रक्रिया गत है। जिससे आने वाले समय में विश्वविद्यालय  मेे गुणात्मक सुधार, एकेडमिक एवं शोध में उन्नयन परिलक्षित होगा एवं विश्वविद्यालय नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा।

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स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली छात्राएं। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

खेलों में भी किसी से कम नहीं

हमारे विश्वविद्यालय के खिलाडियों ने क्रीडा सत्र 2024-25 में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स प्रतियोगिता का आयोजन के. आई.आई.एस. यूनिवर्सिटी, ओडिशा में हुआ, जिसमें  हमारे खिलाडियों ने 03 रजत एवं 01 कांस्य पदक अर्जित किए। नॉर्थ ईस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी जूडो प्रतियोगिता गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर में आयोजित हुई, खिलाडी ने 01 रजत एवं 01 कांस्य पदक प्राप्त किए। ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी जूडो प्रतियोगिता गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर में संपन्न हुई, जिसमें हमारे खिलाडियों ने 02 रजत पदक प्राप्त किए। ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी रेसलिंग प्रतियोगिता गुरु काशी यूनिवर्सिटी, पंजाब में हुई, जिसमें हमारे खिलाड़ी ने 01 कांस्य पदक जीता। ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी बेस्ट फिजीक प्रतियोगिता श्री शंकराचार्य यूनिवर्सिटी ऑफ संस्कृत में आयोजित हुई, जिसमें हमारे खिलाड़ी ने 01 कांस्य पदक लाकर विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाया है। 

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स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली छात्राएं। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा- यहां शिक्षा प्राप्त करना गौरव की बात

उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखंड विश्वविद्यालय के नाम से ही पता चलता है कि ये अपने आप में पौराणिकता और ऐतिहासिकता समेटे हुए है। महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्रि बाई फुले महान समाज सुधारक थे। उनके नाम पर रखे गए विश्वविद्यालय में शिक्षा हासिल करना यहां के विद्यार्थियों के लिए गौरव की बात है। उन्होंने उपाधि और मेडल हासिल करने वाले विद्यार्थियों से कहा कि वे अपने माता पिता और गुरुओं को कभी न भूलें। क्योंकि उनके श्रम और परिश्रम के बिना ये संभव नहीं था। उन्होंने कहा कि दीक्षांत का मतलब शिक्षांत नहीं, दीक्षांत एक नए जीवन की शुरुआत है। आप अपना लक्ष्य निर्धारित कर शिखर पर पहुंचना चाहेंगे, ये उसकी नींव है। साथ ही जिस समाज के सहयोग शिक्षा हासिल की है, उसके लिए भी कुछ कर गुजरने का संकल्प लेना चाहिए। क्योंकि शिक्षा से जो संस्कार मिलते हैं, उनसे ही व्यक्ति का निर्माण होता है और उसी से समाज का निर्माण आपको करना होगा। स्वामि विवेकानंद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि स्वामि विवेका नंद संस्कारयुक्त शिक्षा की बात करते थे। कोरोना काल में डॉक्टरों ने जो किया वो एक उदाहरण है। उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की जान बचाई। मगर वो कौनसी शिक्षा है जो डॉक्टरों को आतंकी बनाती है। शिक्षा मानवता की रक्षा के लिए होती है, दानव बनाने के लिए नहीं होती। वो कौनसी शिक्षा है जो बच्चों के हाथ में कलम नहीं देती बल्कि पत्थर देती है। वो कौनसी शिक्षा है जो बच्चों के हाथ में कंप्यूटर नहीं बम देती है। हमें इससे कैसे निजात मिले इसका संकल्प लेना होगा। शिक्षा वो है जो ज्ञान विज्ञान सिखाए, शिक्षा वो है जो स्वाबलंबी बनाए। मगर आज जो शिक्षा कुछ लोगों को मिल रही है उन्होंने अपने लिए ज्ञान विज्ञान के दरवाजे बंद कर लिए हैं। केवल एक पुस्तक से शिक्षा नहीं मिलती। मातृभूमि के प्रति अपने समर्पण को दिखाता था। जो धुंध छाई हुई थी 900 साल की उसको इस गीत ने छांटा था। इस गीत के लिए गोलियां खाईं लोग जेल गए। ये गीत देश भक्ति और एकात्मा का समन्वय है। लिहाजा हमे ऐसे संस्कार चाहिए जो हमें हमारे देश के प्रति समर्पित करें। हमारे महापुरुष और वरिष्ठ जो सिखाते हैं वो संस्कार हैं। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल ने इस बात का उदाहरण हैं, वह चाहती तो राज्यपाल बनकर आराम कर सकती थीं। मगर उन्होंने यूपी में शिक्षा का स्तर ऊंचा करने पर फोकस किया। इससे पहले हम कहीं स्थान नहीं रखते थे, आज देश भर के सर्वाधिक ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश में हैं।

अच्छे छात्रों से ही संस्थान की पहचान होती हैः प्रोफेसर राजीव आहूजा

मुख्य अतिथि आईआईटी रोपण पंजाब के प्रोफेसर राजीव आहूजा ने अपने दीक्षांत उद्बोधन में कहा कि छात्रों को निरंतर परिश्रम कर अपने को वर्तमान समय की आवश्यकताओं के अनुरूप ढालना होगा। विद्यार्थी को सतत प्रयास कर अपने संस्थान के ऊंचे प्रतिमान स्थापित करने हैं। अच्छे छात्रों से ही संस्थान की पहचान होती है। मैं आईआईटी का-हूं और यूजीसी कैटेगरी 1 यूनिवर्सिटी के रूप में आईटीरोपण और रूहीलखंड विश्वविद्यालय दोनों शामिल हैं। कुल 100000000 की ग्रांट मिल रही है जिसका उपयोग अच्छी प्रयोगशालाएं लाइब्रेरी एवं संसाधनों को जुटाने में किया जाए जिससे अच्छे शोधार्थी और सुविधाएं उत्पन्न हों। 

विवि नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के केंद्र बनेंः राज्यपाल

 राज्यपाल आनंदी बेन पटेल  ने अपने दीक्षांत उद्बोधन में कहा कि सीखना एक सतत प्रक्रिया है। हमें समाज के उत्थान और बेहतरी के लिए अपने ज्ञान के उपयोग के साथ सीखने की लालसा रखनी चाहिए। मुझे यकीन है कि आप में से प्रत्येक के अलग-अलग सपने हैं, लेकिन निश्चित रूप से आपको अपने सपनों और आकांक्षाओं को कभी नहीं छोडना चाहिए क्योंकि यही आकांक्षाएं हैं जो आपको उपलब्धियों के उच्च स्तर तक ले जाएंगी और आपके जीवन को उद्देश्यपूर्ण बनाएंगी। यदि आप बड़ा सोचने और दृढ़ विश्वास के साथ समय पर कार्य करने के लिए तैयार हैं, तो आपको पुरस्कृत किया जाएगा। आपको अपने लक्ष्यों को बनाए रखना चाहिए, भले ही आप इधर-उधर लड़खड़ाते रहें, और अपने सबक सीखें। इस प्रयास में अकादमिक संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका है और वे नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए केंद्र बन सकते हैं। नवाचार और रचनात्मकता के लिए सहयोग और टीम वर्क बहुत महत्वपूर्ण है। विश्वविद्यालयों को अनुसंधान संस्थानों के सहयोग से समर्पित प्रयोगशाला स्थल बनाने की आवश्यकता है ताकि छात्र विश्वविद्यालय छोड़ने से पहले मूल्यवान अनुभव प्राप्त कर सकें। विशिष्ट क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए अन्य शैक्षणिक संस्थानों और अनुसंधान संगठनों के साथ संयुक्त कार्यक्रम तैयार किए जाने  चाहिए। राज्यपाल ने पूर्व रूलखंड विश्वविद्यालय के छात्र एवं एलुनी एलुमनी एवं झारखण्ड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार देकर सम्मानित किया एवं बधाई दी और राज्यपाल ने आंगनवाड़ी की कार्यकत्रियों को अच्छे कार्य के लिए पुरस्कृत किया एवं प्राथमिक स्कूलों के लिए पुस्तकों का विमोचन किया। एवं अपने उद्बोधन में वंदे मातरम के एक सौ पचास वर्ष पूर्ण होने पर शैक्षणिक संस्थाओं में इसके गायन के लिए प्रोत्साहित किया है। बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाने के लिए शैक्षणिक संस्थाओं ने निर्देश दिया।
प्राथमिक स्कूल पंडित दीनानाथ मिश्र की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत नृत्य उन्हें प्रोत्साहन पर उन्हें प्रोत्साहन पुरस्कार दिया। उन्होंने अपने उद्बोधन में सरदार वल्लभ भाई पटेल के एक सौ पचासवीं जयंती पर राष्ट्र को एकीकृत करने के उनके अथक प्रयास की सराहना की। महामहिम राज्यपाल ने विवेकानंद जी के उच्च आदर्शों को अपने जीवन में उतारने हेतु छात्र छात्राओं को प्रोत्साहित किया
 विश्वविद्यालय का सत्र नियमित करने के लिए समय पर परीक्षाएं कराने और बैक पेपर परीक्षा की समाप्ति की ओर विश्वविद्यालय के कुलपति का ध्यान आकर्षित किया। अंत में उन्होंने सभी 94 सभी स्वर्ण पदक प्राप्त छात्र छात्राओं एवं 111 पीएचडी उपाधि धारकों को भावी जीवन के लिए शुभकामनाएं दी और देश के प्रति कार्य करने और अपने शिक्षा संस्थान एवं अभिभावकों का नाम बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम का अंत राष्ट्रगान के साथ हुआ।

एसवी सभागार का उद्घाटन

दीक्षांत समारोह के पूर्व महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने एसवी. सभागार का उद्घाटन किया।  इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी एवं कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह उपस्थित रहे। जनपद बरेली में तैनात पुलिस एवं बालिका गृह में आवासित नौ से चौदह वर्ष के आयु वर्ग के बालिकाओं के लिए निःशुल्क एचपीवी वैक्सीन कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें कुछ बालिकाओं को वैक्सीनेशन किया गया और पोषण पोटली प्रदान की गई। दीक्षांत कार्यक्रम में वर्चुअल रूप में कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के द्वारा स्वर्ण जयंती द्वार, योग बाटिका, क्रिकेट स्टेडियम आदि का भी उद्घाटन किया गया।

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