/young-bharat-news/media/media_files/2025/11/17/1003036510-2025-11-17-13-01-40.jpg)
मौलाना शहाबुद्दीन Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
बरेली, वाईबीएन नेटवर्क। आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर एक बार फिर निशाना साधा। उन्होंने कहा है कि अखिलेश यादव हाल ही में बरेली आए थे और गली मोहल्ले में भी घूमे। लेकिन आला हजरत दरगाह में माथा टेकने नहीं आए। उन्होंने 60% बरेलवी सुन्नी मुसलमानों को ठेस पहुंचाई। इसका नतीजा उनको 2027 के चुनावों में भुगतना पड़ेगा।
बिहार के चुनाव परिणाम पर बयान जारी करते हुए मौलाना ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी के इत्तेहाद की भारी बहुमत के साथ जीत हुई। कांग्रेस व राजद की हार के पीछे एक एहम वजह है, जिसको सियासी लोगों ने अभी तक नहीं समझा है। मौलाना ने अपने बयान में हार और जीत का गणित समझाते हुए कहा कि वक्फ संशोधन बिल जब पास हुआ तो उस समय मुस्लिम पर्सनला बोर्ड ने उसकी जोरदार मुखालफत की थी। इस मुखालफत का केंद्र बिंदु पटना बना रहा। इसी दरमियान रमजान शरीफ का महीना आ गया। नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री आवास पर रोजा इफ्तार का कार्यक्रम रखा। इस कार्यक्रम में मुस्लिम पर्सनला बोर्ड के देवबंदी उलमा और दूसरी तरफ सुन्नी सूफी उलमा को दावत नामा भेजे गए। देवबंदी उलमा ने दावतनामा लेने से इंकार कर दिया और रोजा इफ्तार पार्टी का बायकॉट किया। वहीं बरेलवी उलमा ने दावतनामा कबूल करके रोजा इफ्तार में बड़ी संख्या में भाग लिया। यहां से बिहार के मुसलमानो मे दो अलग-अलग दो घड़े बंदी हो गई। उसी के कुछ दिनों बाद बरेलवीयो के केंद्र इदार ए शरईया पटना पहुंचे और बिहार की बरेलवी कयादत को सरकार में शामिल करके ओहदे दिए। इसलिए चुनाव में बरेलवी मुसलमानो ने नीतीश कुमार गठबंधन को वोट दिया और देवबंदी मुसलमानो ने कांग्रेस गठबंधन को वोट दिया। चुकी बिहार में 60% बरेलवी मुसलमानो का वोट है। इसलिए एनडीए को भारी जीत मिली।
मौलाना ने उत्तर 2027 चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अभी कुछ दिनों पहले बरेली आए थे। गली गली धूम रहे थे। मगर, वो दरगाह आला हजरत हाजरी देने के लिए नहीं आए। इससे उत्तर प्रदेश के बरेलवी मुसलमानो को बहुत तकलीफ़ हुई है। उत्तर प्रदेश में 60% सुन्नी बरेलवी मुसलमानो की आबादी है, इतनी बड़ी आबादी को नजरअंदाज करना घातक साबित होगा। वो जब भी सहारनपुर जाते हैं, तो दारूलउलूम देवबंद जरूर जाते हैं। वहीं हर साल लखनऊ के नदवा भी जाते हैं। मगर, वो अब तक कभी भी दरगाह आला हजरत नहीं आए।
यह भी पढ़े:-
/filters:format(webp)/young-bharat-news/media/media_files/2025/11/16/img-20251025-wa0031-2025-11-16-19-44-23.jpg)
/young-bharat-news/media/agency_attachments/2024/12/20/2024-12-20t064021612z-ybn-logo-young-bharat.jpeg)
Follow Us