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मौलाना शाहबुद्दीन रजवी। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
बरेली, वाईबीएन नेटवर्क। कानपुर में कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने सोमवार को जाजमऊ स्थित सिद्धनाथ मंदिर में दर्शन करने गए, इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर हिंदुओं के बच्चे 99 प्रतिशत हिंदू नहीं हैं, तो इसके पीछे की वजह है, कि हम अपने बच्चों को रामायण और गीता का ज्ञान नहीं दे रहे। जब हमें अपने धर्म बोध और पुस्तकों का ज्ञान नहीं होगा, तो हम कैसे हिंदू होंगे? धर्म परिवर्तन वही लोग कर रहे हैं, जिन्हें अपने धर्म के बारे में ज्ञान नहीं।
इस बयान पर आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कथा वाचक ने हिन्दू समाज के लोगों को आयना दिखाने वाली बात कही है। हर व्यक्ति को चाहिए कि अपने बच्चों को धार्मिक शिक्षा दें, और धर्म के मुख्य उद्देश्य को समझना व पढ़ना जरूरी है। अच्छा इंसान वो है जो अपने धर्म के वसूलों पर अमल करते हुए समाज और देश के हितों की बात करें।
मौलाना ने आगे कहा कि भारत में मुसलमानो ने कोई भी ऐसी संस्था स्थापित नहीं की जहां से धममंतरण का कार्य कराया जाता हो , अगर कोई मुस्लिम व्यक्ति धममंतरण का काम कराता है, धममंतरण के लिए लालच और दवाब डालता है ,तो ये पैग़म्बरे इस्लाम की शिक्षा और इस्लाम व संविधान के खिलाफ है। ऐसे लोगों के विरोध कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए।
समाजवादी पार्टी ने SIR की प्रक्रिया शुरू होते ही चुनाव आयोग से शिकायत की है। पार्टी ने आरोप लगाया है मतदाता सूची बनाने में लगाए गए अधिकारियों की पोस्टिंग जाति धर्म के आधार पर की गई है। निष्पक्ष चुनाव के लिए पारदर्शिता की मांग समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने की है। मौलाना ने समाजवादी पार्टी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि सपा हमेशा जातिवाद की राजनीति करती है। चुनाव आयोग ने बहुत पहले स्पष्ट कर दिया था की निष्पक्ष चुनाव कराएं जाएंगे, कई राज्यों में निष्पक्ष चुनाव हुए भी है। बुरखे के सम्बन्ध में भी चुनाव आयोग ने कई दिन पहले आदेश दिया था कि बुरखा पहनने वाली महिलाओं की बूथ पर पहचान आंगनवाड़ी की महिला करेगी और पुरुषो की पहचान पुरुष करेंगे। चुनाव आयोग के स्पष्ट कर देने के बाद समाजवादी पार्टी की आपत्ति फीजूल और भ्रामीत करने वाली है। वहीं चुनाव आयोग का SIR पर निणनय भी जनता के हितो को देखते हुए अच्छा कदम है। मगर सपा के लोग धर्म और जातिवाद की राजनीति करते हैं, इसलिए उनको जनता की बेहतरी में उठाए गए कदम को बुरा लगता है।
मौलाना ने MIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि बिहार राज्य का मुख्यमंत्री मुसलमान बन सकता है। हमारे संविधान में कहीं भी मुसलमान प्रधानमंत्री य मुख्यमंत्री बनने में कोई रुकावट पैदा नहीं की है। मौलाना ने आगे कहा ओवैसी सहाब को चाहिए था, कि बेहार में सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारते , बहुमत के साथ जितकर आते, फिर किसी मुसलमान को मुख्यमंत्री बना देते, या खुद की बिहार के मुख्यमंत्री बन जाते। मगर उन्होंने इस दिश में कोई कदम नहीं बढ़ाया, सिर्फ 34 सीटों पर प्रत्याशी उतारकर हैदराबाद में खामोश बैठ गए।
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