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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। भाजपा मंडल अध्यक्ष और पार्षद के बीच सोशल मीडिया पर गोबर पर जंग छिड़ी हुई है। दोनों के बीच वार पलटवार का लंबा सिलसिला चलने पर राजनीतिक गलियारों में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। मंडल अध्यक्ष का आरोप है कि पार्षद वार्ड में सफाई नहीं कराते हैं, इससे गलियों में गंदगी फैली हुई है, इससे जनता बेहाल है। वहीं पार्षद का कहना है कि मंडल अध्यक्ष अनर्गल बातें कर रही हैं।
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भाजपा की टिबरीनाथ मंडल अध्यक्ष शिखा मेहरोत्रा ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली थी, जिसमें उन्होंने लिखा था कि वार्ड-42 चौधरी मोहल्ला की जनसमस्याओं को लेकर उन्होंने जनता से संवाद किया। इस दौरान पता चला कि पार्षद चंद्र प्रकाश गुप्ता के वार्ड में गंदे पानी की आपूर्ति और नालों की सफाई की कमी सबसे गंभीर मुद्दे हैं।
उन्होंने लिखा कि अलखनाथ रोड पर बीबीएल स्कूल के आसपास जलभराव की समस्या कई सालों से बनी हुई है, इससे स्कूल के बच्चों समेत वार्ड के लोगों को काफी समस्या होती है। बारिश में सड़कें पानी में डूब जाती हैं, जिससे आम जनमानस का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।
शिखा मेहरोत्रा ने आगे लिखा कि इन समस्याओं को लेकर वह मेयर डॉ. उमेश गौतम से मिलीं और उनसे इन समस्याओं के स्थायी समाधान की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने अपने पत्र में पार्षद पर वार्ड की जनता से अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया।
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शिखा मेहरोत्रा का मेयर को दिया पत्र पार्षद चंद्र प्रकाश गुप्ता ने टीबरीनाथ मंडल के व्हाट्सएप ग्रुप में डालकर पलटवार किया। पार्षद ने लिखा कि शिखा मेहरोत्रा की ओर से जो पत्र मेयर को दिया गया है उसमें सारी बातें झूठ लिखी हैं। उन्होंने लिखा है कि वह वार्ड की जनता से अभद्र व्यवहार करते हैं। पार्षद ने शिखा मेहरोत्रा को चुनौती देते हुए कहा कि यदि वह चार लोग ऐसे लाकर उनके सामने खड़ा कर दें, जो कह दें कि उन्होंने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया है तो वह तुरंत ही पद से इस्तीफा दे देंगे वरना वह मंडल अध्यक्ष का पद छोड़ दें।
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पार्षद ने कहा कि आज आपको दिख रहा कि नालों की सफाई नहीं होती, जबकि 15 दिन से कर्मचारी लगातार काम कर रहे हैं। यहीं नहीं वह पिछले 20 साल से डेयरियों के खिलाफ नगर निगम की बैठक में आवाज उठाते आ रहे हैं। हजारों पत्र अधिकारियों को दे चुकें हैं। पार्षद निधि सक्सेना के वाई 55 से भी उनके वार्ड में बहुत सारा गोबर आ रहा है। वह पहले निधि सक्सेना से जाकर कहें कि अपने वार्ड की डेयरियों का गोबर रुकवाएं। डेयरियों को शहर से बाहर कराने और उनके सबमर्सिबल के कनेक्शन कटवाने के लिए वह नगर आयुक्त को भी कई बार पत्र दे चुके हैं मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई।