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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। आईवीआरआई में सतत विकास में मांस एवं मांस उत्पादों का महत्व, मानव स्वास्थ्य एवं कल्याण विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला और उद्योग एकेडिमिया मीट का आयोजन किया गया, जिसमें मांस व्यवसाय से जुड़े हुए 10 उद्योगों सहित करीब 100 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
संस्थान निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त ने कहा कि पशुधन उत्पादों के उत्पादन एवं प्रसंस्करण के महत्व को ध्यान में रखते हुए आईवीआरआई इस साल से बीटेक डेयरी प्रौद्योगिकी में डिग्री कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रहा है।
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डॉ. त्रिवेणी दत्त ने कहा कि पिछले दशक में भारत का मांस उत्पादन 4.85 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से बढ़ा है और यह सभी पशु उत्पादों में सबसे ज्यादा निर्यात किए जाने वाला उत्पाद है। पशु कल्याण, रोगाणुरोधी प्रतिरोध, आहार संबंधी बीमारियां कुछ और मुद्दे हैं, जिन्हें उचित रूप से संबोधित करने की आवश्यकता है।
शैक्षणिक संयुक्त निदेशक डॉ. एसके मेंदीरत्ता ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में मांस उपभोक्ताओं की प्राथमिकताओं में बदलाव आया है आजकल के उपभोक्ता मांस की गुणवत्ता, पोषकता, पशु कल्याण और पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति भी जागरूक हो रहे हैं।
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संयुक्त निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. रूपसी तिवारी ने कहा कि सहयोगात्मक अनुसंधान, उद्योग निर्मित उत्पादों के मान्यकरण, परामर्श कार्य, अनुबंध अनुसंधान, इंडस्ट्री चेयर, सीएसआर अनुदान, इंटर्नशिप इत्यादि विषयों पर पारस्परिक चर्चा और सहयोग स्थापित करने के लिए यह एक उपयुक्त मंच है। भारत में बहुत कम मांस का प्रसंस्करण होता है लेकिन बढ़ती हुई आबादी, आय और पशुजनित प्रोटीन की बढ़ती मांग के कारण इस क्षेत्र में विकास की रफ्तार बढ़ी है।
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पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एआर सेन ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए मांस उत्पादन व प्रसंस्करण के महत्व पर बल दिया। कार्यशाला के दौरान दो तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। पहले सत्र की अध्यक्षता डॉ. एसके मेंदीरत्ता ने की। इसमें डॉ. एआर सेन, डॉ. देवाशीष मलिक, डॉ. एसवी बारबुधे ने स्वस्थ्य जीवन के लिए मांस एवं मांस उत्पादों के महत्व पर प्रस्तुतियां दीं।
दूसरे सत्र की अध्यक्षता डॉ. एआर सेन ने की, इसमें बेंगलुरु के. राजेश लिसियस ने मांस क्षेत्र में स्थिरता और गुणवत्ता से संबंधित मुद्दे और वैंकी पुणे के महाप्रबंधक डॉ. वी तिजारे ने घरेलू और निर्यात पोल्ट्री मांस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए चर्चा की।
संचालन पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी की डॉ. नम्रता और डॉ. अंबाशिरी ने किया। इस दौरान डॉ. गीता चैहान, डॉ. मुथु कुमार, डॉ. वीएम नवीना, डॉ. ताना, डॉ. असीम विश्वास, डॉ. सुमन तालुकदार, डॉ. सागर चंद, डॉ. तनवीर अहमद, डॉ. देवेंद्र, डॉ. ज्योति आदि मौजूद रहीं।