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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बजट पर किसान नेता डॉ रवि नागर के विचार
डॉ रवि नागर राष्ट्रीय संगठन मंत्री किसान एकता संघ
किसान क्रेडिट कार्ड की ऋण सीमा बढ़ाई गई है। यह सरकार का सराहनीय कदम है। लेकिन बजट में किसान को पूर्ण ऋण माफी भी दी जानी चाहिए थी। कर्ज के कारण किसानों को आत्महत्या जैसे घातक कदम न उठाने पड़े। खासकर छोटे एवं सीमांत किसानों के लिए खाद्य संयंत्र बढ़ाए गए हैं। यह भी एक अच्छा कदम है। सरकार के इस निर्णय से समय-समय पर किसानों को खाद की किल्लत से छुटकारा मिल सकेगा। फिर भी खाद-बीज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार को इन पर बजट में अधिक सब्सिडी प्रदान करनी चाहिए थी। 60 वर्ष की उम्र से ऊपर के किसानों को सुनिश्चित पेंशन दी जानी चाहिए। ताकि इससे बुढ़ापे में वित्तीय सहयोग मिल सकें। कृषि यंत्रों और ट्रैक्टर जैसे उपकरणों पर जीएसटी को कम या समाप्त किया जाना चाहिए, ताकि छोटे किसान भी इन्हें खरीद सकें।
किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 5 लाख किए जाने यूरिया संयंत्रों को चालू ,प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना लागू करने एवं ग्रामीण इलाकों में रोजगार को बढ़ावा देने जैसी योजनाओं की घोषणा किसानों के लिए संतोष जनक है। इसके लिए किसान सरकार की सराहना करते हैं।
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देश के विकास में तेजी लाने वाला, सुरक्षित और समावेशी बजट
डॉ अवनीश मिश्र, आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ एवं पूर्व प्राचार्य एसएस कॉलेज
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए बजट 2025 विकास में तेजी लाने वाला, सुरक्षित समावेशी विकास का पूरक है। बजट में निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करने, मध्यम वर्ग के खर्च करने की क्षमता में वृद्धि करके मुद्रा की तरलता द्वारा देश के अन्तर्गत उपभोग के नव वातावरण को सृजित करने के साथ ही देश की आधारभूत संरचनाओं को विकसित करने तथा नवीन विनिर्माण संस्कृत को बढ़ावा मिलेगा। बजट में किसानों की क्रेडिट गारंटी स्कीम के कवर को बढ़ाया गया है। स्टार्टअप लोन की अधिकतक सीमा दस करोड़ से बीस करोड़ कर दी गई है। किसान क्रेडिट कार्ड लोन की सीमा तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख हो चुकी है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग जिनका निर्माण क्षेत्र में 45 प्रतिशत योगदान है, को ग्रोथ करने में तेजी आएगी। ऋण गारंटी कवर पांच करोड़ से बढ़ाकर दस करोड़ कर दिया गया है। बजट में जहां स्वास्थ्य की दृष्टि से 36 ऐसी दवाएं जो कि गंभीर बीमारी में प्रयोग की जाती है, टैरिफ फ्री करना सरकार का महत्वपूर्ण कदम है। 200 जिला केन्द्रों (अस्पतालों) को डे केयर कैंसर सेन्टर के रूप में विकसित करने और भविष्य में सभी जिला अस्पतालों में कैंसर यूनिट की स्थापन करना एक ऐतिहासिक कदम है। किसानों की दृष्टि से देखा जाए तो काटन प्रोडक्टविटी का पांच साल का प्लान, मखाना बोर्ड का गठन, फल और सब्जियों के लिए सप्लाई चैन का विकास, ग्रामीण युवा और छोटे किसानो के लिए सौ जिलों में क्राप डायवर्टिफिकेशन पर फोकस किया गया है। निर्यात संवर्द्धन हेतु विभिन्न प्रकार की विनिर्माण क्षेत्र में योजनाएं प्रारंभ की जा रही है। जैसे नेशनल मैनुफैक्चरिंग मिशन, क्लीन टेक्नाॅलाजी मैनुफैक्चरिंग, इलेक्ट्रानिक वाहनों की बैट्री, मोटर्स और कंट्रोलर्स, सोलर पीवी सेल में घरेलू वैल्युएडीशन और ईको सिस्टम बनाने पर केन्द्रित योजनाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। एआई एक्सीलेंस सेन्टर के लिए 500 करोड़ रूपये का प्राविधान भी किया गया है। उच्च चिकित्सा शिक्षा में दस हजार नई मेडिकल सीटें बढ़ाने, 6500 आईआईटी की सीटे बढ़ाने, न्यूकिलयर ऊर्जा मिशन के लिए 2000 करोड़ रूपये नवीन शोध और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए, आरएनडी हेतु 20 हजार करोड़ रूपये, भारत के प्राकृतिक एवं सुगम वातावरण का लाभ उठाने के लिए मेडिकल टूरिज्म सेन्टर को देश में प्रोत्साहित करने, 50 पर्यटन स्थलों को आधुनिक स्तर पर विकसित करने जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं भी इस बजट के अन्तर्गत वित्त मंत्री ने शामिल की है।
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स्वास्थ क्षेत्र को बेहद मजबूत करने वाला बजट: आदित्य मूर्ति
एसआरएमएस ट्रस्ट के सचिव व एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर आदित्य मूर्ति ने केंद्रीय बजट को प्रगतिशील और देश की अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि बजट में 12.75 लाख रुपए तक सालाना वेतन पाने वालों को इनकम टैक्स के दायरे से बाहर रखकर सरकार ने मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत दी है। मध्यम वर्गीय और नौकरी पैसा लोग न जाने कब से सरकार के निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे थे सरकार ने इस वर्ग के लोगों की दर्द को समझते हुए बजट में ऐसा प्रावधान किया है। इसके लिए हम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री मोदी जी का आभार व्यक्त करते हैं। गंभीर बीमारियों की 36 जीवनरक्षक दवाओं से ड्यूटी टैक्स भी इलाज कराने वालों के लिए बड़ी मदद है। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज में 75 हजार सीटें और बढ़ाना और सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर सेंटर बनाने की घोषणा भी स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए किसी सौगात से कम नहीं। इससे स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी और आम लोगों को इसका ज्यादा फायदा मिलेगा। कुल मिलाकर यह बजट इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने वाला आम जनता का बजट है।
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उत्तर प्रदेश हॉर्टिकल्चर बोर्ड के उपाध्यक्ष दक्ष शर्मा पाराशर की प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश सरकार में हॉर्टिकल्चर बोर्ड के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता दक्ष शर्मा पाराशर ने केंद्र सरकार के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बजट से समाज के गरीब, पिछड़े दलित, आदिवासी, किसान, युवा व्यापारी, खिलाड़ी, मध्यम वर्गीय नौकरीपेशा, महिलाओ समेत समाज के हर तरीके को फायदा पहुंचेगा। केंद्र सरकार ने कैंसर समेत अन्य 36 दवाओं के जो दम घटाएं हैं। उससे गरीबों के लिए इलाज सस्ता और सुलभ होगा। अब कोई भी गरीब इलाज के भाव में परेशान नहीं होगा। सरकार ने टैक्स स्लैब में जो बदलाव किया है। उसमें 12 लाख रुपए तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इससे समाज का 70 फीस दी तबका लाभान्वित होगा। इसके अलावा सरकार ने घरेलू उपयोग की तमाम चीजे बजट में सस्ती कर दी है, जिसका फायदा आम जनता को होगा। किसानों के लिए सबसे बड़ा फायदा क्रेडिट कार्ड के लोन की धनराशि में बढ़ोतरी करना है। एमएसएमई में सरकार ने 10 करोड रुपए तक के लोन की जो व्यवस्था की है, वह देश में क्रांतिकारी बदलाव करेगी। हमारा देश लघु उद्योग और मध्यम उद्योग का हब बनेगा। हम जल्द ही देश की पांचवी से तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर होंगे। विपक्ष के पास मोदी सरकार के बजट की आलोचना करने के लिए कोई शब्द ही नहीं बचा है। इसलिए विपक्षी नेता इधर-उधर की बातें करने में लगे हुए हैं। वह बजट पर कुछ बोल नहीं पा रहे हैं।
चाइल्ड रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश कुमार के अनुसार...
आईएमए के पूर्व अध्यक्ष और चाइल्ड रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश कुमार के अनुसार केंद्रीय बजट 2025 में निजी चिकित्सकों के लिए विशेष रूप से कोई प्रत्यक्ष प्रावधान नहीं किया गया है। इसलिए निजी चिकित्सकों की आशा के अनुरूप नहीं है। हालांकि, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के समग्र विकास के लिए कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं, जो निजी चिकित्सकों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित कर सकती हैं। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में केंद्र सरकार का बजट मीलका पत्थर साबित हो सकता है।
1. स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए बजट आवंटन में वृद्धि: सरकार ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए बजट आवंटन को बढ़ाकर ₹1,00,000 करोड़ से अधिक कर दिया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 13% की वृद्धि है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे में सुधार और विस्तार की उम्मीद है, जिससे निजी चिकित्सकों को भी लाभ हो सकता है।
2. पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) को बढ़ावा: सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं के निर्माण और संचालन में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। इससे निजी चिकित्सकों के लिए नए अवसर उत्पन्न हो सकते हैं। जैसे कि सरकारी योजनाओं के तहत सेवाएं प्रदान करना या नए चिकित्सा संस्थानों की स्थापना में सहयोग करना।
3. इन नीतियों के माध्यम से, सरकार का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सुधार करना है, जो निजी चिकित्सकों के लिए भी लाभकारी हो सकता है।