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एसआरएमएस मेडिकल कालेज में सस्मान के बाद कैंसर विजेताओं ने दिया संदेश

श्रीराममूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज की ओर से विश्व कैंसर दिवस पर मंगलवार (चार फरवरी 25) कैंसर से जंग लड़कर मात देने वाले कैंसर विजेताओं का सम्मान किया गया।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

कैंसर को छिपाएं नहीं, डरें नहीं, कराएं सही इलाज

श्रीराममूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज की ओर से विश्व कैंसर दिवस पर मंगलवार (चार फरवरी 25) कैंसर से जंग लड़कर मात देने वाले कैंसर विजेताओं का सम्मान किया गया। कैंसर विजेताओं ने बीमारी की जानकारी और इसके उपचार के दौरान के अपने अनुभव साझा किए।

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एसआरएमएस ट्रस्ट ने लिया है बीमार की सेवा का संकल्पः देव मूर्ति

मरीजों ने एसआरएमएस मेडिकल कालेज में मिले उपचार पर संतुष्टि जताई और यहां के डाक्टर और स्टाफ की सराहना की। एसआरएमएस ट्रस्ट संस्थापक व चेयरमैन देवमूर्ति ने  कैंसर मरीजों की हिम्मत को सराहा। उन्होंने इस महामारी से बचाव के लिए दूसरों को जागरुक करने का संदेश दिया।

कैंसर विजेताओं ने सुनाए एसआरएमएस में इलाज के दौरान के अपने संस्करण

उन्होनें कहा कि एसआरएमएस में 2007 में कैंसर इंस्टीट्यूट स्थापित किया गया। तब इसका इलाज आसपास नहीं होता था, इसके लिए दिल्ली और लखनऊ जाना मरीजों की मजबूरी थी। इसी को देखते हुए एसआरएमएस ट्रस्ट ने कैंसर इंस्टीट्यूट स्थापित किया। यहां विश्वस्तरीय टेक्नोलाजी के साथ अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए। यह सब काम पैसे के लिए नहीं बल्कि बीमार की सेवा का संकल्प होने के चलते किया गया। तब से यहां पर 40 हजार से ज्यादा मरीजों का उपचार किया जा चुका है। यह चिकित्सकों की सेवा और आपके भरोसे से ही संभव हुआ है। आप सब इसके गवाह हैं।

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नुक्कड़ नाटक के जरिये पीजी स्टूडेंट ने कैंसर के तीन मरीजों की कहानी दिखाई

इससे पहले एसआरएमएस मेडिकल कालेज स्थित आरआर कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर के विभागाध्यक्ष डा.पियूष अग्रवाल ने कैंसर, इससे बचाव के उपाय बताने के साथ सेंटर में उपलब्ध तकनीक और उपकरणों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 2007 में स्थापित इस कैंसर इंस्टीट्यूट को 18 वर्ष हो चुके हैं। तब से हमने यहां 40 हजार से ज्यादा कैंसर मरीजों का उपचार किया है। अत्याधुनिक टेक्नोलाजी से उपचार करने के कारण ही यहां पर तीसरा लीनियर एक्सीलेटर स्थापित किया गया। रोबोटिक आर्म से हम सर्जिकल प्रोसेस कर रहे हैं। दूसरे विभागों के सहयोग से यहां पर हर तरह के कैंसर का उपचार किया जा रह है।

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आर्थो ओंकोलाजी की सुविधा भी प्रदान करने की योजना

पिछले वर्ष यहां ओंको फर्टिलिटी और पीडियाट्रिक ओंकोलाजी जैसे विभाग भी स्थापित किए। देश के गिने चुने शहरों में मिलने वाली यहां जेनेटिक ओपीडी की सुविधा भी यहां पर मरीजों के लिए उपलब्ध है। यहां पर शीघ्र ही आर्थो ओंकोलाजी की सुविधा भी प्रदान करने की योजना है। यह सब हमारे चेयरमैन देव मूर्ति जी के दूरदर्शी सोच के चलते ही संभव हुआ है।

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एसआरएमएस में ओंको फर्टिलिटी और पीडियाट्रिक ओंकोलाजी जैसे विभाग भी संचालित

गायनी ओंको सर्जन कर्नल डा.मनोज कुमार टांगड़ी ने कैंसर विजेताओं को गायनी कैंसर से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कैंसर को मात देने वाले आप सभी लोग इस बीमारी के प्रति लोगों को जितना जागरूक करेंगे वह कम है। कैंसर लाइलाज नहीं, इसका इलाज संभव है। आप सब लोग इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। सभी को इसके प्रति जागरूक करें। डा.टांगड़ी ने तेजी से फैल रहे सर्विक्स कैंसर की भी जानकारी दी और बचाव के लिए स्क्रीनिंग और वैक्सीनेशन पर जोर दिया।

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बच्चियों को दीर्घायु होने के आशीर्वाद के लिए जन्मदिन पर दें वैक्सीनेशन का तोहफा

उन्होंने कहा कि अगर आप अपनी बच्चियों उनके जन्मदिन पर दीर्घायु होने का आशीर्वाद देना चाहते हैं तो उन्हें वैक्सीनेशन का तोहफा दें। इसी तरह महिलाओं को भी उनके जन्मदिन और शादी की वर्षगांठ पर स्क्रीनिंग की गिफ्ट देकर उन्हें स्वस्थ करने का प्रयास करें। इस मौके पर पीजी के विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक में तीन कहानियों के जरिये कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक किया और बचाव के उपाय बताए। पीजी स्टूडेंट डा.मिशा ने कैंसर मरीजों की परेशानी को कविता के माध्यम से उठाया।

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कैंसर इंस्टीट्यूट सेंटर का स्टाफ और टीम मौजूद रही।

कार्यक्रम का संचालन डा.रशिका सचान ने किया। इस मौके पर मेडिकल कालेज के डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन आदित्य मूर्ति, प्रिंसिपल एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) डा.एमएस बुटोला, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ.आरपी सिंह, डा.निर्मल यादव, डा.रोहित शर्मा, डा.बिंदू गर्ग, सभी विभागाध्यक्ष और डा.अरविंद सिंह चौहान, डा.पवन मेहरोत्रा, डा.आयुष गर्ग, डा.शुभांशु गुप्ता सहित आरआर कैंसर इंस्टीट्यूट सेंटर का स्टाफ और टीम मौजूद रही।

इन कैंसर विजेताओं का हुआ अभिनंदन

संगीता देवी, बरेली
-अनीता अग्रवाल, बरेली
-राजेश्वरी देवी, बरेली
-शकुंतला खान, मुरादाबाद
-शशिबाला, बरेली
-कमला, हल्द्वानी
-बिमला देवी, बरेली
-ओमशीला, बरेली
-रेशम सिंह, शाहजहांपुर
-विजय कुमार गुप्ता, बरेली
-खुशनुमा, बरेली
-छोखे सिंह, काशीपुर
-आस्मा, बरेली
-राम प्रसाद, बरेली
-रमा देवी, काला डूंगी
-बृजपाल सिंह, बरेली
-महासिंह, हल्द्वानी

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