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बरेली,वाईबीएनसंवाददाता
बरेली।WhatsApp पर फर्जी दस्तावेज भेजकर लोगों को ठगने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। एसपी सिटी ने सोमवार को इस मामले का खुलासा किया। पुलिस ने उनके पास से कई फर्जी दस्तावेज, नकदी और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है। इसके अलावा, उनके बैंक खातों में जमा 10 लाख रुपये फ्रीज कर दिए गए हैं।
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मामले के खुलासे की पूरी कहानी
कोतवाली थाना क्षेत्र के राधेश्याम एनक्लेव निवासी व्यापारी राघव अग्रवाल के साथ लाखों की ठगी का मामला सामने आया था। उन्होंने 11 जनवरी को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। जांच के आधार पर पुलिस ने मेरठ के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र की सैनिक बिहार कॉलोनी निवासी प्रशांत गुप्ता और मेरठ कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के कमालपुर निवासी रघुवीर सिंह को गिरफ्तार किया। आरोपियों के कब्जे से आर.के. इंडस्ट्रीज (राघव अग्रवाल की फर्म) का लेटरहेड, 12 आधार कार्ड, 8 वोटर आईडी कार्ड, 10 लाख रुपये नकद और एक एटीएम कार्ड बरामद किया गया है। पुलिस अब मामले में अन्य संभावित आरोपियों और ठगी के पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है।
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प्यार की कीमत! शौक पूरे करने के लिए बना ठग
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी प्रशांत गुप्ता के कई प्रेम संबंध थे। अपने महंगे शौक पूरे करने और गर्लफ्रेंड्स पर बेहिसाब खर्च करने के लिए वह व्हाट्सएप के जरिए फर्जी दस्तावेज भेजकर ठगी करता था। उसने इसी तरीके से व्यापारी राघव अग्रवाल को भी अपने जाल में फंसाया और उनसे 11.30 लाख रुपये ठग लिए। जांच में यह भी सामने आया कि वह लंबे समय से इसी तरह लोगों को निशाना बनाकर ठगी कर रहा था। पुलिस अब उसके अन्य संभावित पीड़ितों और नेटवर्क की छानबीन कर रही है।
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एसपी सिटी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खोली ठगी की पोल
एसपी सिटी ने खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जांच के दौरान उनके बैंक खातों में जमा 10 लाख रुपये फ्रीज कर दिए गए हैं। गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। इस मामले ने साइबर ठगी के नए और संगठित तरीकों को उजागर किया है, जिससे नागरिकों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। पुलिस नागरिकों को सलाह दे रही है कि किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ वित्तीय लेन-देन करने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें।