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बरेली,वाईबीएनसंवाददाता
बरेली। श्री बांके बिहारी मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में श्री धाम वृंदावन से पधारे आचार्य श्याम बिहारी चतुर्वेदी ने गोपियों की वेदना को व्यक्त करते हुए बताया कि भगवान श्री कृष्ण जब गोचरण के लिए जंगल में जाते हैं, तो गोपियों भगवान का मनन करती हैं। वह चिंतन करती हैं, और कहती हैं कि हे गोपाल, आप हमेशा बांसुरी को मत बजाया करो क्योंकि आपकी बांसुरी सुनने के बाद हमारे से भोजन भी नहीं बन पाता हैl
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भगवान की बांसुरी की मधुर ध्वनि से व्याकुल हो उठते हैं भक्त
हमारा किसी भी कार्य में मन नहीं लगता है। यदि भोजन बनाते हैं, तो जो लकड़ी चूल्हे में लगाते हैं। उन लड़कियों से पानी निकलने लगता है। इसलिए, गोपाल हमेशा बांसुरी को मत बजाया करो क्योंकि बांसुरी की ध्वनि सुनते ही हम बेचैन हो जाते हैं। भगवान की बांसुरी घायल कर देती है। बांसुरी को सुनकर के हम लोग बड़े ही दर्शन को लालायित हो जाते हैं। एक तरह ऐसा ही पागलपन छा जाता है कि हम किस विधि से इनको अपना स्वामी बना सकें। तब उन्होंने भगवान की आराधना की और यमुना जी में स्नान करके कात्यायनी की पूजा की। जिससे वह पति रूप में भगवान को पा सके।
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भगवान ने चीर हरण से दिया नग्न स्नान न करने का संदेश
भगवान ने चीर हरण करके उनको यह बताया कि कभी भी नग्न स्नान नहीं करना चाहिए। इसके बाद गिरिराज भगवान की कथा सुनाई। किस तरह से भगवान श्याम सुंदर ने इंद्र की अभियान को नष्ट करने के लिए एक अन्य उंगली पर गिरिराज को धारण करके बृजवासियों पर आई विपत्ति का हरण किया था। इंद्र के अभियान का नष्ट किया था।
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भजन गायक जगदीश भाटिया ने प्रस्तुत किया भावपूर्ण भजन
भजन गायक जगदीश भाटिया ने अपना भजन प्रस्तुत किया। "सांवरिया ले चल परली पार जहां विराजे राधा रानी.. इस भजन को सुनकर सभी श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए। दूर से श्रोता पधारे विनोद खंडेलवाल, दीपक भाटिया, गीता भाटिया, सीमा गुप्ता, राम प्रसाद गुप्ता ,सोनल खंडेलवाल, रितु सिंह आदि लोगों ने बढ़-चढ़कर के कथा में लाभ लिया और कथा को सुनकर के श्रोता भाव विभोर हो गये।