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जीनोमिक उपकरणों के उपयोग पशुधन उत्पादकता बढ़ाने पर जोर

केंद्रिय उन्नत संकाय प्रशिक्षण (CAFT), विभाग -पशु दैहिकी एवं जलवायुकी विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित 21 दिवसीय लघु प्रशिक्षण कार्यक्रम "पशुओं में जीनोमिक उपकरणों के उपयोग द्वारा पशुधन उत्पादकता बढ़ाने" पर आधारित पाठ्यक्रम का आज समापन हो गया।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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बरेली। केंद्रिय उन्नत संकाय प्रशिक्षण (CAFT), विभाग  - पशु दैहिकी एवं जलवायुकी  विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित 21 दिवसीय लघु प्रशिक्षण कार्यक्रम "पशुओं में जीनोमिक उपकरणों के उपयोग द्वारा पशुधन उत्पादकता बढ़ाने" पर आधारित पाठ्यक्रम का आज समापन हो गया। यह पशु शरीर क्रिया विज्ञान में आयोजित 50वां प्रशिक्षण कार्यक्रम था। समापन समारोह में आईवीआरआई के संयुक्त निदेशक (शैक्षणिक) डॉ. एस. के. मेंदिरत्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होनें कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

पशुधन उत्पादन बढ़ाने में सहायक तकनीकें

इस अवसर पर  डॉ. एस. के. मेंदिरत्ता ने शरीर क्रिया विज्ञान विषय के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे अत्याधुनिक अनुसंधान का आधार बताया। उन्होनें कहा कि यह वर्तमान समय की चुनौतियों का समाधान करने और देश में पशुधन उत्पादन बढ़ाने में सहायक है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न अत्याधुनिक तकनीकों और प्रमुख विषयों पर चर्चा की गई, जिसमें देशी पशुओं के उच्च गुणवत्ता वाले जर्मप्लाज्म के आईवीएफ-भ्रूण स्थानांतरण (Embryo Transfer) द्वारा व्यापक प्रसार और CrispR-Cas9 जीनोम संपादन तकनीक के पशु विज्ञान अनुसंधान में उपयोग की संभावनाएं शामिल रहीं।

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प्रतिभागियों के उत्साहपूर्ण योगदान की सराहना

उन्होंने प्रतिभागियों के उत्साहपूर्ण योगदान की सराहना की और उनसे इस ज्ञान को अपने सहयोगियों तक पहुँचाने का आग्रह किया।
 संयुक्त निदेशक (प्रसार शिक्षा) डॉ. रुपसी तिवारी एवं संयुक्त निदेशक (केडराड) डॉ. सोहिनी ने सफल प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। उन्होनें प्रशिक्षण कार्यक्रम की कम्पेंडीयम का विमोचन भी किया गया।

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पाठ्यक्रम की अवधारणा और महत्व पर किया गया प्रकाश

देहिकी  एवं जलवायु विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष एवं सीएएफटी के निदेशक, डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने केंद्रिय उन्नत संकाय प्रशिक्षण की गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया और इस पाठ्यक्रम की अवधारणा एवं उसके महत्व को उजागर किया। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण न केवल वर्तमान पशु उत्पादन अनुसंधान के लिए उपयोगी है, बल्कि देश की पोषण सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं कृषि विज्ञान केंद्रों के 24 सहायक प्रोफेसर एवं विषय विशेषज्ञों ने भाग लिया।

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गणमान्य अतिथियों का स्वागत डॉ. वी. एस. चौहान ने किया

कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य लोगों का स्वागत संयोजक डॉ. वी. एस. चौहान  द्वारा किया गया जबकि संचालन सह-संयोजक डॉ. हरी ए. समद वैज्ञानिक द्वारा किया गया । सह-संयोजक डॉ. यसोथा टी. ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ. एल. सी. चौधरी, डॉ. मुकेश सिंह, डॉ. आर. वी. एस. पवेय्या , डॉ. ए. आर. सेन एवं डॉ. पी. दण्डपत  सीएएफटी के संकाय सदस्य डॉ. वी. पी. मौर्य, डॉ. विकाश चंद्र, डॉ. वी. एस. चौहान, डॉ. हरी ए. समद, डॉ. यसोथा टी. तथा विभाग के कर्मचारी इस अवसर पर मौजूद थे।

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