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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के शल्य चिकित्सा विभाग में वरिष्ठ पशु चिकित्सकों के लिए क्लिनिकल कैनाइन प्रैक्टिस पर चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य श्वानों में आधुनिक नैदानिक एवं उपचारात्मक तकनीकों की जानकारी प्रदान करना था, जिससे पशु चिकित्सक अपने व्यावसायिक कौशल को और अधिक सुदृढ़ कर सकें।
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संस्थान के संयुक्त निदेशक (शैक्षणिक) डॉ. एसके मेंदीरत्ता ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले वरिष्ठ पशु चिकित्सकों के अनुभव से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि ये चिकित्सक फील्ड में आने वाली वास्तविक समस्याओं से भलीभांति परिचित हैं। उन्होंने संस्थान के छात्रों से आग्रह किया कि वे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लें और वरिष्ठ पशु चिकित्सकों के अनुभवों से लाभ उठाएं। उन्होंने वरिष्ठ पशु चिकित्सकों से एमबीए के विद्यार्थियों के लिए भी व्याख्यान तैयार करने का अनुरोध किया।
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डॉ. अमरपाल ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उन पशु चिकित्सकों के लिए विशेष उपयोगी है जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं और अपना क्लिनिक खोलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक पदों पर कार्य करने के कारण कई वरिष्ठ पशु चिकित्सक चिकित्सा क्षेत्र से कुछ हद तक अलग हो जाते हैं, ऐसे में उनके ज्ञान को अद्यतन (अपडेट) और पुनर्स्थापित (रिफ्रेश) करने की आवश्यकता होती है, जिससे वे आधुनिक तरीकों से पशुओं का उपचार कर सकें और सेवानिवृत्ति के बाद भी समाज में अपना योगदान दे सकें।
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उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में वरिष्ठ पशु चिकित्सकों को व्यवहारिक प्रशिक्षण पर अधिक जोर दिया जाएगा, जिसमें अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न शल्य एवं चिकित्सीय प्रक्रियाओं पर व्याख्यान एवं व्यावहारिक सत्र आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम का संचालन शल्य चिकित्सा विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अभिजीत पावड़े ने किया। डॉ. रोहित कुमार, डॉ. एसी सक्सेना, डॉ. उज्ज्वल डे आदि मौजूद रहे।