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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। जिले में राजस्व वादों के निस्तारण में अफसरों की लापरवाही सामने आने पर जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कड़ा रुख अपनाया है। एसीएम फर्स्ट देश दीपक सिंह और बलिया के नायब तहसीलदार राकेश त्रिवेदी को लापरवाही के लिए चेतावनी जारी करते हुए तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है। वहीं, बिजली विभाग के प्रथम ग्रामीण खंड के एक्सईएन मनोज कुमार के खिलाफ आईजीआरएस शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बरतने पर उनकी वेतन वृद्धि रोकने का आदेश दिया गया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो आगे और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
17 फरवरी को जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने एसीएम फर्स्ट देश दीपक सिंह को चेतावनी पत्र जारी किया। पत्र में 12 फरवरी को हुई समीक्षा बैठक का हवाला देते हुए कहा गया कि जनवरी माह में उन्होंने धारा 24 और धारा 116 सहित किसी भी राजस्व वाद का निस्तारण नहीं किया।
धारा 24 के 5 वाद
धारा 116 के 26 वाद
अन्य 56 वाद
डीएम ने कड़ी नाराजगी जताते हुए एसीएम फर्स्ट से तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है कि मुख्यमंत्री और राजस्व परिषद द्वारा बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद वादों के निस्तारण में लापरवाही क्यों बरती गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि संतोषजनक जवाब न मिलने पर आगे कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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नायब तहसीलदार राकेश त्रिवेदी को भी जिलाधिकारी द्वारा चेतावनी पत्र जारी किया गया है। समीक्षा में पाया गया कि 31 जनवरी तक धारा 34 के तहत दर्ज 90 वादों में से केवल 20 का निस्तारण किया गया, जिससे डीएम ने कड़ी नाराजगी जताई है। प्रशासन ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए उन्हें तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर आगे की कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
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विद्युत वितरण खंड ग्रामीण प्रथम के एक्सईएन मनोज कुमार के खिलाफ आईजीआरएस शिकायतों के समयबद्ध निस्तारण में लापरवाही और उपभोक्ताओं की लगातार नकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने पर जिलाधिकारी ने कड़ी कार्रवाई की है। शिकायतों की समीक्षा के दौरान पाया गया कि कई उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान समय पर नहीं किया गया, जिससे आम जनता को असुविधा का सामना करना पड़ा।
इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए डीएम ने एक्सईएन मनोज कुमार का वेतन रोकने का आदेश दिया है। साथ ही, उन्हें स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि लंबित शिकायतों का निस्तारण जल्द से जल्द किया जाए और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा प्रदान की जाए। यदि कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हुआ तो आगे और कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
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राजस्व परिषद अध्यक्ष के निर्देश पर अपर आयुक्त प्रशासन प्रीति जायसवाल ने मंडल के सभी जिलाधिकारियों (डीएम) को पत्र जारी किया है। इसमें तहसीलदार और नायब तहसीलदार न्यायालयों में लंबित राजस्व वादों की निगरानी करने और उनकी समयबद्ध समीक्षा रिपोर्ट भेजने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि वादों के निस्तारण में तेजी लाने और अनियमितताओं को रोकने के लिए नियमित निरीक्षण अनिवार्य होगा। इसके तहत, डीएम को सुनिश्चित करना होगा कि वादों का निस्तारण पारदर्शिता और निर्धारित समय सीमा के भीतर हो।
धारा 34/35 (उत्तर प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम)
धारा 33/39 (राजस्व संहिता)
धारा 32/38 और धारा 33/35
डीएम ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राजस्व वादों के निस्तारण में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और यदि लापरवाही जारी रही तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।