/young-bharat-news/media/media_files/2025/02/24/JatpnMVMhjVKENR7QM1M.jpg)
00:00
/ 00:00
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। आईवीआरआई में कृषि विज्ञान केंद्र पर दोपहर 12 बजे प्रधानमंत्री के बिहार के भागलपुर में आयोजित पीएम सम्मान निधि की 19वीं किस्त जारी किए जाने वाले कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किसानों को दिखाया गया। इसके साथ ही एक दिवसीय जनपद स्तरीय कृषक कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि सांसद छत्रपाल सिंह गंगवार और जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल ने कार्यशाला का शुभारंभ किया।
यह भी पढ़ें- कृषि विभाग : रिश्वतखोरी की शिकायत पर किसान को थमाया नोटिस, 24 घंटे में मांगा जवाब
उप कृषि निदेशक अभिनंदन सिंह ने मोटे अनाज के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मोटे अनाज सूखा प्रतिरोधी होते है और कम पानी की आवश्यकता रखते हैं, इन्हें विभिन्न प्रकार की मृदा और जलवायु में भी उगाया जा सकता है, जिससे किसानों के लिए यह एक बहुमुखी फसल विकल्प हैं। मोटे अनाज को कम पोषक मृदा दशाओं में भी आसानी से उगाया जा सकता है।
कार्यशाला में वैज्ञानिकों ने कृषि यंत्रीकरण, दलहन-तिलहन उत्पादन, फसल बीमा, पॉली हाउस से खेती, पराली से कंपोस्ट बनाना, मिक्स खेती, जैविक खेती, प्राकृतिक खेती, पशुपालन व पराली जलाने के दुष्प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया। प्रगतिशील किसानों ने भी खेती से संबंधित अपने अनुभव साझा किए। गोष्ठी में बरेली के लगभग 200 किसानों ने हिस्सा लिया। प्रगतिशील किसान संजय कुमार सक्सेना ने अन्नदाताओं से मोटा अनाज उगाने की अपील की।
यह भी पढ़ें- Bareilly : किसानों के साथ धोखा... बीज का नहीं मिला एक भी दाना, कागजों में लहलहा रही फसल
कार्याशाला में किसानों से अपील की गई कि खेती और पशुपालन एक दूसरे के पूरक हैं। खेती करने के साथ ही पशुपालन को बढ़ावा देने और अच्छी नस्लों के पशु पाले जिसके लिए सरकार उत्तम नस्ल के सर्टिफाइड सीमन कम दामो में सरकारी पशु चिकित्सालयों में उपलब्ध करा रही है। खेती और पशुपालन से किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें- स्वास्थ्य विभाग : CMO - बाबू में खींचतान... किसने कराया गाजियाबाद की फर्म को फर्जी भुगतान
कार्यशाला में सांसद छत्रपाल सिंह गंगवार ने किसानों की समस्याएं सुनकर उनके निराकरण करने का आश्वासन दिया। साथ ही अधिकारियों को निर्देशित किया कि सरकार की ओर से विभागों में चल रही योजनाओं का प्रचार-प्रसार युद्ध स्तर पर धरातल पर कराते हुए किसानों को इसका लाभ उपलब्ध कराया जाए।