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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। वित्त एवं लेखाधिकारी के बिना हस्ताक्षर गाजियाबाद की फर्म को भुगताने करने के मामले में अफसरों को चिट्ठी लिखकर सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह पर आरोप लगाने वाले स्वास्थ्य विभाग के बाबू ब्रजराज यादव कभी उनके करीबी हुआ करते थे मगर आज बाबू ने उनके खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। बताते हैं कि फर्जी भुगतान के मामले में चल रही जांच की आंच जब सीएमओ तक पहुंची तो उन्होंने बाबू की गर्दन नाप दी। अब बाबू ने भी सीएमओ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
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बरेली से पहले डॉ. विश्राम सिंह गाजियाबाद के सीएमओ थे। वहां तैनाती के दौरान ही गाजियाबाद की फर्म नव्या एंटरप्राइजेज उनके संपर्क में आई। बरेली आने के बाद नव्या एंटरप्राइजेज की भी यहां एंट्री हो गई। यह वही फर्म है जिससे बाजार मूल्य से कई गुना ज्यादा दाम पर सामान खरीदा गया और बिना वित्त एवं लेखाधिकारी के हस्ताक्षर पर भुगतान भी कर दिया गया।
बताते हैं कि नव्या एंटरप्राइजेज के जरिये स्वास्थ्य विभाग में सामान की खरीद फरोख्त में तमाम घपले हुए। यह अकेला मामला नहीं है, इसी तरह कई बार वित्त एवं लेखाधिकारी के हस्ताक्षर के बिना भुगतान जारी हो चुका है। यही नहीं स्वास्थ्य विभाग के अंदर ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर भी बड़ा खेल चल रहा है।
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लेनदेन का वीडियो वायरल होने पर दी मलाईदार कुर्सी
चिकित्सा प्रतिपूर्ति कार्यालय में तैनाती के दौरान बाबू ब्रजराज यादव का पैसों का लेनदेन करते हुए वीडियो वायरल हुआ था लेकिन उस समय सीएमओ उन्हें बचा ले गए। कार्रवाई तो दूर इनाम के तौर पर उन्हें चिकित्सा प्रतिपूर्ति कार्यालय से हटाकर एनएचएम का इंचार्ज बना दिया गया, जोकि उससे भी कई गुना ज्यादा मलाईदार पोस्ट है। मगर वित्त एवं लेखाधिकारी के बिना हस्ताक्षर गाजियाबाद की फर्म को भुगताने करने का मामला खुला तो सीएमओ ने ब्रजराज की कुर्बानी दे दी।
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ताक पर नियम, संविदाकर्मी देख रहा जेम पोर्टल का काम
स्वास्थ्य विभाग में संविदाकर्मी शादाब नियम विरुद्ध जेम पोर्टल का कामकाज देख रहा है। वह अपनी मूल तैनाती की जगह सीएमओ आवास या फिर सीएमओ कार्यालय के आसपास घूमकर काम करता है। जहां इसकी तैनाती है वहां यह नहीं जाता। किसे ठेका देना है किसे नहीं शादाब ही तय करता है। जबकि तत्कालीन निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. राजा गणपति आर. ने निर्देश जारी कर कहा था कि संवंर्ग के कर्मचारी ही जेम पोर्टल का काम देखेंगे अन्य कोई और नहीं, लेकिन उनके निर्देशों का पालन नहीं किया गया। यही नहीं जेम पोर्टल का काम जानने वाले एकलौते लिपिक संजय सिंह को हटाकर एडी हेल्थ ऑफिस भेज दिया ताकि शादाब की जड़े जमी रहें।
जिस अनियमितता की बात पटल के बाबू कर रहे हैं, वह सारी अनियमिताएं उन्हीं की हैं । इसके पीछे किसी तीसरे व्यक्ति का हाथ है। उन्हीं के इशारे पर बाबू चल रहे हैं। जहां तक उनके पटल बदलने की बात है तो वह मेरा विशेषाधिकार है। मैंने उसी का प्रयोग करके बाबू का पटल बदला है। - डॉ विश्राम सिंह, सीएमओ