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गोलमाल : ताल्लुकात वाले किसान... बगैर जमीन, झोला भर-भरकर पा रहे सम्मान

सम्मान पाना बड़े गर्व की बात है, वह भी तब जब सम्मान दो-चार सौ की भीड़ के सामने मिले तो सीना और चौड़ा हो जाता है। लोगों को सम्मान पाने के लिए पता नहीं क्या-क्या पापड़ बेलने पड़ते हैं मगर अफसरों से अच्छे ताल्लुकात हों तो बगैर जमीन भी सम्मान मिल जाता है।

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KP Singh
ताल्लुकात वाले किसान

Photograph: (AI)

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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

सम्मान पाना बड़े गर्व की बात है, वह भी तब जब सम्मान दो-चार सौ की भीड़ के सामने मिले तो सीना गर्व से और चौड़ा हो जाता है। लोगों को सम्मान पाने के लिए पता नहीं क्या-क्या पापड़ बेलने पड़ते हैं मगर जिले में एक ऐसे किसान हैं, जिनके नाम पर खेती की जमीन तो नहीं हैं पर अफसरों से बड़े अच्छे ताल्लुकात हैं, जिनकी बदौलत गाहे बगाहे उन्हें सम्मान पाने का अवसर मिलता रहता है।

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बरेली जिले के रहने वाले ये किसान आजकल हर जगह सम्मान पाने की वजह से कृषि विभाग में खूब चर्चा में हैं। बताते हैं कि कुछ साल पहले कृषि विभाग के एक बाबू से इनके ताल्लुकात बने। यह वही बाबू हैं जो आजकल एक किसान से रिश्वत मांगने के आरोप में घिरे हुए हैं। बाबू ने इनके कृषि विभाग के एक अफसर से ताल्लुकात बनवा दिए। इसके बाद चल पड़ा सम्मान पाने का सिलसिला। 

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मुखर वक्ता ही नहीं, फोटो खींचवाने के भी शौकीन

ताल्लुकात वाले किसान का सम्मान पाने का सिलसिला जब से शुरू हुआ है बिना नागा जारी है। ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं गया होगा जब यह सम्मान पाने से चूके हों। यही वजह है कि कृषि विभाग में इनके दूर-दूर तक चर्चे हैं। वैसे तो यह अपने आपको प्रगतिशील किसान बताते हैं लेकिन वक्ता भी गजब के हैं। एक बार वक्तव्य देने का मौका मिल जाए तो कंठ सूखता नहीं। वह तो समय कम पड़ जाता है वरना यह दो-तीन घंटे निरंतर बोलते रहें। दूसरा शौक इन्हें फोटो खींचवाने का है, इस काम में भी यह सबसे आगे रहते हैं।

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जब लालाजी की फसल दिखाकर लूट ले गए वाहवाही

ताल्लुकात वाले किसान खुद को प्रगतिशील किसान भी बताते हैं। मंच से जिले के किसानों से उनसे सीख लेने की अपील करते रहते हैं। किसानों को अपना नंबर नोट कराते-कराते नहीं थकते। अब अगर किसान संपर्क करेंगे तो सम्मान तो मिलेगा ही। एक बार तो सम्मान पाने के चक्कर में लालीजी की जमीन पर खड़ी फसल अपनी बताकर वाहवाही लूट ले गए और लालाजी सम्मान पाते-पाते रह गए।

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