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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। उपनिदेशक कृषि के दफ्तर में कृषि यंत्र की सब्सिडी देने के बदले में बाबू के द्वारा किसान से ₹5000 की रिश्वत मांगने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से हड़कंप मच गया। किसान ने इस मामले की शिकायत डीएम कार्यालय में शपथ पत्र देकर की है। उसके बाद प्रशासन की ओर से इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। इसमें बाबू के फंसने के आसार नजर आ रहे हैं।
बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर गांव शिवनगर ब्लॉक मझगवां निवासी किसान चैतन्य प्रकाश का एक वीडियो वायरल हो गया। उसमें उन्होंने बताया कि वह कृषि विभाग से सब्सिडी पर रोटावेटर लेना चाहते थे। इसके लिए कृषि विभाग में ऑनलाइन आवेदन किया था। ई लॉटरी के माध्यम से उनका रोटावेटर में सब्सिडी प्राप्त करने के लिए चयन भी कर लिया गया। 28 दिसंबर 2024 को कृषि विभाग के कर्मचारी उनका सत्यापन भी कर ले गए। सत्यापन में भी उनका चयन सही पाया गया। इसके बाद उनके पास डिप्टी डायरेक्टर कृषि अभिनंदन सिंह के कार्यालय से कुलदीप नाम के एक कर्मचारी का 9024550650 नंबर से फोन आया।
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उसने कहा कि आपका चयन रोटावेटर की सब्सिडी के लिए हो गया है। आप नैनीताल रोड बिलवा स्थित डिप्टी डायरेक्टर कार्यालय में तैनात बाबू प्रखर सक्सेना से संपर्क कर लें। उन्होंने डिप्टी डायरेक्टर अभिनंदन सिंह के नैनीताल रोड स्थित बलवा कार्यालय में प्रखर सक्सेना से संपर्क किया। प्रखर सक्सैना ने उनको बताया कि रोटावेटर की सब्सिडी पाने के लिए उन्हें ₹5000 खर्च करने पड़ेंगे। क्योंकि खर्चा ऊपर तक जाता है। बडे़ वाले साहब का भी हिस्सा होता है। किसान के अनुसार जब उसने बाबू के द्वारा ₹5000 रिश्वत मांगने की शिकायत डिप्टी डायरेक्टर कृषि अभिनंदन सिंह से की तो उन्होनें बाबू प्रखर सक्सेना को बुलाकर कुछ समझाया।
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इसके बाद जब वह दोबारा बाबू से मिले तो प्रखर सक्सेना उनसे नाराज हो गए और बोले कि तुम मेरी शिकायत डिप्टी डायरेक्टर से करने क्यों गए। जब मैंने तुमको बता दिया कि इसमें उनका भी हिस्सा होता है। फिर भी तुमने शिकायत की। अब तुम चाहे जिससे शिकायत कर लो। तुम्हें ₹5000 देने होंगे, तभी रोटावेटर पर सब्सिडी मिल पाएगी। कुलदीप ने तुम्हें फोन पर जो कुछ भी बताया है, उसकी व्यवस्था तो करनी पड़ेगी। अन्यथा की स्थिति में सब्सिडी नहीं मिल पाएगी किसान चेतन प्रकाश ने शपथ पत्र देकर डीएम कार्यालय में इस मामले की शिकायत की।
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किसान चेतन्य प्रकाश का कहना था कि जिलाधिकारी से उनकी भेंट नहीं हो सकी। मगर, उनके स्थान पर मौजूद जो प्रशासनिकअफसर वहां समस्याएं सुन रहे थे। उन्होंने इस मामले में जांच का भरोसा दिलाया है। इसके बाद किसान ने इस पूरे मामले का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिससे कृषि विभाग में हड़कंप मच गया।