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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। बसंत पंचमी के अवसर पर इनर व्हील क्लब बरेली मरकरी द्वारा साहू रामस्वरूप महिला महाविद्यालय के गृह विज्ञान डिपार्मेंट में रंगोली कंपटीशन में पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम किया। बच्चों ने सुंदर रंगोली बनाई। सब एक से बढ़कर एक थे। जजमेंट करना बहुत ही मुश्किल था। परंतु, फिर भी फर्स्ट ,सेकंड, थर्ड व सांत्वना पुरस्कार क्लब के द्वारा दिए गए। साहू रामस्वरूप महिला महाविद्यालय ने इसी श्रृंखला में यह प्रतियोगिता आयोजित की गई।
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छात्राओं की प्रशंसा।
इसमें लगभग 68 छात्राओं ने हिस्सा लिया l छात्राओं ने मनभावन फूलों की रंगोली बनाई l महाविद्यालय की प्राचार्यl डॉ अनुपम। मेहरोत्रा ने छात्राओं की प्रशंसा की। निर्णायक मंडल में इनर व्हील क्लब मरकरी की प्रेसिडेंट रचना सक्सेना तथा सदस्य प्रज्ञा तथा रिचा रही l
छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किया गया।
तैयबा को प्रथम ,आकृति का आर्य तथा खुशी गुप्ता को द्वितीय, महिमा गंगवार तथा अंशिका सक्सेना को तृतीय पुरस्कार दिया गया। इसके अतिरिक्त 10 अन्य छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किया गया। गृह विज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर अभिलाषा गौड़ सारस्वत तथा डॉक्टर गीत चावला का निर्देशन रहा तथा नेहा गुप्ता, सुश्री स्वाति तथा सुश्री एंजेलिना का सहयोग रहा l
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बसंत पंचमी पर शिवांशी पचौरी को सरस्वती के रूप में पूजा
अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा की ओर से हनुमान मंदिर, बिहारीपुर खत्रियान पर वसंत पंचमी का पर्व कन्या पूजन के रूप में मनाया गया। कक्षा चार की छात्रा शिवांशी पचौरी को सरस्वती के रूप में अलका त्रिवेदी और कांति शर्मा ने सजाया । शिवांशी को पीले वस्त्र, सिर पर मुकुट, सुनहरी एवं मोती माला पहनाकर मिष्ठान, फल, धनराशि भेंट की गई।
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कार्यक्रम का प्रारंभ प्रस्तुत गीत से किया
" अंतर्मन से हम बसंत का, वंदन करते हैं
आज शारदे मां का हम, अभिनंदन करते हैं " से हुआ।
मुख्य प्रवाचक प्रमोद मिश्रा ने कहा कि यह वसंत पंचमी का दिन ही था, जब ब्रह्मा जी के कहने पर सरस्वती ने अपनी वीणा की ध्वनि से प्रकृति और प्राणियों में संगीत एवं वाणी की शक्ति प्रदान की। अनेक संस्कृत के श्लोकों के माध्यम से प्रमोद मिश्रा ने बताया कि बसंत पंचमी का पर्व उल्लास एवं उमंग का उत्सव है जो हर मानव में विद्या और बुद्धि का संचार करता है।
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धनधान्य से पूर्ण करने वाला पर्व बताया।
कार्यक्रम आयोजक राकेश शर्मा गुरु ने बसंत पंचमी को धनधान्य से पूर्ण करने वाला पर्व बताया। सरस्वती बनी शिवांशी पचौरी ने या कुंदेंदु तुषार हार धविला श्लोक सुनाया। आचार्य मेधावृत शास्त्री ने कहा कि बसंत पंचमी पर्व तब सार्थक है, जब प्राणियों के अंतर्मन में रचनात्मक अनुभूति की भावना का रसमयी संचार उत्पन्न हो।
कार्यक्रम का संचालन मंडल महामंत्री विशाल शर्मा ने किया। कार्यक्रम में दीपक शर्मा, लता, निशा, शौर्य पचौरी, अलका त्रिवेदी, शोभा, कलावती, रमा, कांति शर्मा, वंश, शुभ उपस्थित रहे। सबको प्रसाद का वितरण किया गया।आभार राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्रदेव त्रिवेदी ने व्यक्त किया।