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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। इज्जतनगर मंडल में रेलवे ट्रेड यूनियन चुनाव में जीत दर्ज करने वाली एनई रेलवे मेंस यूनियन सड़क पर टेंट लगाकर कामकाज कर रही है, बल्कि हारने वाली कार्यालय पर कब्जा जमाए बैठी हैं। अधिकारियों की मिलीभगत से चुनाव हारी यूनियन को फीस जमा करवाकर एक साल के लिए कार्यालय भी आवंटित कर दिया गया। तीन महीने बीतने के बाद भी कार्यालय नहीं मिला तो यूनियन ने इज्जतनगर मंडल कारखाना के सामने टेंट लगाकर अस्थायी कार्यालय बना लिया है।
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तीन महीने पहले रेलवे ट्रेड यूनियन चुनाव के परिणाम घोषित किए गए थे, इसमें एनई रेलवे मेंस कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। इसके बाद नियमानुसार कार्यालय निर्वाचित यूनियन को दिया जाना चाहिए था लेकिन ऐसा हुआ नहीं। लंबी जद्दोजहद के बाद भी जब एनई रेलवे मेंस कांग्रेस को इज्जतनगर मंडल में अधिकारियों ने कार्यालय आवंटित नहीं किया तो विरोध स्वरूप यूनियन के पदाधिकारीयों ने कारखाना गेट के सामने ही टेंट लगाकर अस्थायी कैंप कार्यालय बनाकर कामकाज शुरू कर दिया। इस दौरान संरक्षक संतोष यादव, अनवारूल हसन, दिनेश उपाध्याय, देवेंद्र सिंह, अवधेश कुमार, दीपक कुमार, राजेंद्र गुप्ता, अनिल शर्मा, मोहित भदौरिया, अर्पित कुमार, अब्दुल इकरार, विवेक कुमार, रवि रमोला, हंसराज मीना, राजू कुमार आदि उपस्थित रहे।
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एनई रेलवे मैंस कांग्रेस के मंडल मंत्री रजनीश तिवारी ने कहा कि यह रेलवे बोर्ड और महाप्रबंधक पूर्वोत्तर रेलवे के निर्देशों की अवहेलना और जनादेश का घोर निरादर है, जोकि इज्जतनगर मंडल में जमानत जब्त करा चुकी यूनियन चुनाव परिणाम घोषित होने के तीन महीने बाद भी कार्यालय पर अवैध कब्जा करके बैठी है, जबकि नियमानुसार चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही कार्यालय प्रशासनिक नियंत्रण में आ जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि यह अधिकारियों और चुनाव हारी यूनियन के गठजोड़ से हो रहा है। निर्वाचित यूनियन तीन महीने से कार्यालय याचना करते हुए कार्यालय मांग रही है और जो हार चुके हैं वे कार्यालय पर कब्जा जमाए बैठे हैं।
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सूत्रों के मुताबिक चुनाव में जीत हासिल करने वाली यूनियन के कारखाना के बाहर टेंट लगाकर अस्थायी कार्यालय की जानकारी उच्च अधिकारियों और अन्य यूनियनों तक पहुंचने के बाद रेलवे अधिकारियों में खलबली मच गई है। अब प्रयास यह किया जा रहा है कि किसी तरह इन्हें यहां से हटा दिया जाए लेकिन बाधा यह है कि दूसरी यूनियन कार्यालय की एक साल की फीस जमा कर चुकी है सो कानूनी पेंच भी फंसता दिख रहा है।