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बरेली,वाईबीएनसंवाददाता
बरेली। मानव सेवा संस्थान ट्रस्ट भारत नें कचहरी परिसर में विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाया। मानव सेवा संस्थान के राष्ट्रीय महामंत्री नरेंद्र पाल ने विश्व सामाजिक न्याय दिवस के विषय में समझते हुए बताया। उन्होनें कहा कि न्याय का संबंध सीधा अत्याचारों से पीड़ित सामाजिक व्यक्तियों से है। जिनको न्याय की अति आवश्यकता है।
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न्यायालय: समाज में न्याय स्थापित करने का आधार
विश्व के समाज में दबंगो,बलधारीयों,अत्याचारीयों और अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति से सताए हुए सामाजिक प्राणियों को न्याय पाने के लिए केवल एक न्याय प्रक्रिया के आधार पर स्थापित न्यायालय का सहारा रह जाता है। जिसके लिए विश्व भर में सामाजिक तौर पर न्याय प्रक्रिया का निर्माण करते हुए न्यायालयों की स्थापना की गई है। जिसमें स्थानीय न्यायालय से लेकर उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर न्यायालय की इस स्थापना होकर हर स्तर पर न्यायालयें मौजूद है।
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न्याय में देरी: पीड़ितों के लिए संघर्ष, सुधार की सख्त जरूरत
जहां पर जाति, धर्म, धनवान, निधन, बलवान, प्रभावशाली, जमीदार, शक्तिशाली, दबंगो जैसे लोगों पर भी अपराध के अनुसार कानूनी शिकंजा कस के दंडित करने की व्यवस्था के साथ ही अन्याय पीड़ित सताय हुए पीड़ित व्यक्ति को न्याय देने की व्यवस्था है। भारत की न्याय व्यवस्था में न्यायालओ में वाद लंबित होना और विलंब से न्याय मिलना एक दुख का विषय बना हुआ है। अगर हमारे भारत के न्यायालय अविलंब और निष्पक्ष बिना भेदभाव के न्याय करना शुरू कर दें तो भारत में विश्व सामाजिक न्याय दिवस का महत्व और भी बढ़ जाएगा।
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विश्व सामाजिक न्याय दिवस कार्यक्रम राष्ट्रीय मानव सेवा संस्थान के राष्ट्रीय महामंत्री नरेंद्र पाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकेश मेहंदीरत्ता, संरक्षक हरी बाबू खंडेलवाल चीनी वाले, वीरेंद्र प्रसाद खंडेलवाल,भीकम सिंह,जे. आर गुप्ता, राकेश कुमार मौर्य, इंद्रदेव त्रिवेदी, देश प्रेमी आदि अन्याय पीड़ित लोग उपस्थित थे।