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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। किसान सहकारी चीनी मिल सेमीखेड़ा को घाटे से उबारने के लिए प्रबंध कमेटी की बैठक में डीएम रविंद्र कुमार के सामने मिल अधिकारियों ने हवाहवाई आंकड़े पेश कर दिया, इस पर डीएम ने नाराजगी जाहिर करते हुए मंगलवार तक वास्तविक रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा मिल पर बैंक लोन और वर्ष 2023-24 में बेची गई चीनी का रिकॉर्ड भी तलब किया।
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डीएम रविंद्र कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को कलक्ट्रेट सभागार में किसान सहकारी चीनी मिल्स लिमिटेड सेमीखेड़ा की प्रबंध कमेटी की बैठक हुई। बैठक में मिल को घाटे से उबारने पर विचार-विमर्श किया गया। साथ ही चीनी परता बढ़ाए जाने और मिल में मरम्मत आदि का कार्य कराने आदि पर चर्चा कर मिल के सही तरीके से संचालन के निर्देश दिए गए।
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बैठक में डीएम को बताया गया कि मिल की क्रसिंग 2300 प्रतिदिन बताई गई, जबकि अभिलेखों में यह आंकाड़ा 2750 प्रतिदिन दर्ज हैं। इस पर डीएम ने बैठक में वास्तविक आंकड़े देने को कहा। डीएम ने समीक्षा में पाया कि चीनी मिल लगातार घाटे में दिखाई जा रही है, इसकी वास्तविक स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए डीएम ने वर्ष 2023-24 का वास्तविक आय व्यय और कम्युलेटिव ब्योरा मंगलवार शाम तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि आज की तिथि तक बैंक का लोन मय ब्याज कितना है और वर्ष 2023-24 में कितनी चीनी बेची गई, इसका भी रिकॉर्ड देने को कहा।
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बैठक में डीएम ने निजी चीनी मिलों से पहले मिल में पेराई सत्र शुरू कराने को कहा। उन्होंने कहा कि निजी चीनी मिलों में अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में पेराई शुरु होती है, जबकि सरकारी चीनी मिल में नवंबर के अंतिम सप्ताह में, ऐसा नहीं होना चाहिए। इस पर चीनी मिल प्रबंधक ने बताया कि गन्नों के सैंपल मंगवाकर लैब में जांच कराई जाती है कि गन्नों से कितनी मात्रा में चीनी के लिए रॉ मैटेरियल निकल रहा है, तभी मिल शुरू की जाती है, जिससे भुगतान करने में अधिक समस्या न आए।
बैठक में प्रबंध समिति के सदस्यों ने बताया कि पुराना लोहा भी गल रहा है उसे बेचकर मिल का लाभ हो सकता है। इस दौरान मिल के रिपेयर के लिए जो धनराशि मांगी गई है उसे जारी करने के लिए पत्र लिखने को कहा। बैठक में नगर मजिस्टेट राजीव कुमार शुक्ल, जिला गन्ना अधिकारी सहित प्रबंध समिति के सदस्यगण उपस्थित रहे।