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दहेज हत्या के जुर्म में मां-बेटे को आजीवन कारावास

बरेली के अपर सत्र जिला जज चार गगन कुमार भारती ने दहेज हत्या के एक मामले में मंगलवार को अपना फैसला सुनाया। अदालत ने दहेज के लिए महिला की हत्या करने के जुर्म में मृतका के पति और सास को श्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

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Sanjay Shrivastav
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बरेली,वाईबीएनसंवाददाता

बरेली। बरेली के अपर सत्र जिला जज चार गगन कुमार भारती ने दहेज हत्या के एक मामले में मंगलवार को अपना फैसला सुनाया। अदालत ने दहेज के लिए महिला की हत्या करने के जुर्म में मृतका के पति और सास को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों दोषियों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना में डाला है।

बरेली के फरीदपुर कस्बे में स्टेशन रोड निवासी राधेश्याम ने 3 मार्च 2021 को थाना नवाबगंज रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में राधेश्याम ने कहा कि उन्होंने 24 जून 2028 को अपनी पुत्री अंजलि की शादी नवाबगंज थाना क्षेत्र के गांव त्यार जागीर में रहने वाले अनिल मौर्य पुत्र जीवनलाल के साथ की थी। उन्होंने दहेज में अलमारी, संदूक, टीवी, मेज-कुर्सी आदि सामान देने के साथ करीब चार लाख रुपये खर्च किए थे।

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सास ने की थी जिंदा जलाने की कोशिश

आरोप है कि शादी के कुछ दिन बाद ही ससुराल वाले दहेज में मोटरसाइकिल की मांग करने लगे। अतिरिक्त दहेज के लिए अंजलि को प्रताड़ित किया जाने लगा। मांग पूरी नहीं हुई तो दिवाली के दिन सास सुनीता देवी ने अंजलि को जिंदा जलाने की कोशिश की। इससे घबराकर वह मायके चली गई। मगर रिश्तेदारों के बीच हुई पंचायत के बाद राधेश्याम ने बेटी अंजलि को ससुराल भेज दिया। 

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नवाबगंज थाना क्षेत्र में 01 मार्च 2021 को हुई थी घटना

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एक मार्च 2021 को त्यार जागीर गांव के एक व्यक्ति से उन्हें सूचना मिली कि पति अनिल मौर्य, ससुर जीवनलाल और सास सुनीता देवी मिलकर अंजलि को पीट रहे हैं। राध्येश्याम अपने परिवार वालों के साथ गांव त्यार जागीर गए तो अंजलि मृत मिली। राधेश्याम का आरोप था कि अनिल मौर्य, जीवनलाल और सुनीता देवी तीनों ने मिलकर अंजलि को गला दबाकर मार डाला। उनके सूचना देने पर नवाबगंज पुलिस मौके पर पहुंची और अंजलि के शव का पोस्टमार्टम कराया गया।

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मुकदमा चलने के दौरान एक आरोपी की हो चुकी है मौत 

नवाबगंज थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद विवेचना शुरू की। जांच पूरी होने के बाद 19 मई 2021 को पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। अदालत में मुकदमा चलने के दौरान आरोपी जीवनलाल की मौत हो गई। अपर सत्र न्यायाधीश गगन कुमार भारती ने एडीजीसी अनूप कोहरवाल और आरोपी पक्ष के वकील की दलीलें सुनने के बाद मौजूद साक्ष्यों के आधार पर आरोपी अनिल कुमार मौर्य और सुनीता देवी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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