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हत्या के जुर्म में दोषी को आजीवन कारावास, साक्ष्यों के अभाव मे पिता और भाई दोषमुक्त

बरेली के अपर सत्र न्यायाधीश कुमार गौरव ने रंजिश के चलते गोली मारकर हत्या किए जाने के एक मामले में सोमवार को अपना फैसला सुनाया। अदालत ने एक आरोपी को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

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Sanjay Shrivastav
Life imprisonment to friend's killer

Source : AI

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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

बरेली। बरेली के अपर सत्र न्यायाधीश कुमार गौरव ने रंजिश के चलते गोली मारकर हत्या किए जाने के एक मामले में सोमवार को अपना फैसला सुनाया। अदालत ने एक आरोपी को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने की धनराशि अदा न करने पर दोषी को छह माह अतिरिक्त कारावास में रहना होगा। इस मामले में नामजद दोषी के पिता और भाई को साक्ष्यों के अभाव और गवाही में विरोधाभास के कारण अदालत ने दोषमुक्त कर दिया।

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11 मार्च 2022 को हुई थी घटना

बरेली जिले के थाना सिरौली क्षेत्र के गांव मुगलपुरा निवासी तेजपाल की 11 मार्च 2022 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के भाई सोमपाल ने गांव के ही तीन लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एफआईआर के अनुसार घटना वाले दिन सोमपाल का भाई तेजपाल और रामपाल बाइक पर मुड़िया गांव गए थे। रास्ते में गांव से करीब पांच सौ मीटर की दूरी पर उन्हें मुगलपुरा के ही रहने वाले आराम सिंह, उसके लड़के सत्यवीर एवं सुरजीत ने घेर लिया और तेजपाल के गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

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न बैनामा हुआ, न पैसे वापस मिले, बढ़ी रंजिश

सोमपाल के अनुसार घटना से तीन साल पहले आराम सिंह ने अपना प्लाट बेचने के नाम पर उनसे तीन लाख रुपये लिए थे। मगर बाद में उसने न तो प्लाट का बैनामा कराया और न ही उनके रुपये वापस किए। रुपये लौटाने को कहा तो आराम सिंह और उसके परिवार वाले रंजिश मानने लगे। इसी रंजिश में उसके भाई तेजपाल की हत्या कर दी गई। आरोपियों ने जान से मारने की नियत से रामपाल पर भी हमला किया था। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस ने आरोपी सत्यवीर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

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पुलिस ने अगस्त 2022 में दाखिल की थी चार्जशीट

पुलिस ने विवेचना पूरी करने के बाद अगस्त 2022 में तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। अभियोजन पक्ष की ओर से चश्मदीद के रूप में रामपाल समेत 10 गवाह पेश किए गए। चश्मदीद रामपाल और वादी सोमपाल के बयानों में विरोधाभास होने से आरोपी पक्ष को लाभ मिला। साक्ष्यो के अभाव में अदालत ने आराम सिंह और उसके बेटे सुरजीत को दोषमुक्त करार दिया। जबकि सत्यवीर को उम्रकैद और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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