Advertisment

रिद्धिमा दे रहा फोटोग्राफी की बारीकियां भी सीखने का मौका, भारतीय संगीत और कला के संरक्षण का प्रयास

चौथे स्थापना दिवस एसआरएमएस रिद्धिमा में फोटोग्राफी कोर्स आरंभ हो गया। स्टूडियो का उद्घाटन संस्था के चेयरमैन देव मूर्ति और आदित्य मूर्ति ने किया।

author-image
Sudhakar Shukla
srms

बरेली संवाददाता

Advertisment

बरेली। चौथे स्थापना दिवस एसआरएमएस रिद्धिमा में फोटोग्राफी कोर्स आरंभ हो गया। स्टूडियो का उद्घाटन संस्था के चेयरमैन देव मूर्ति और आदित्य मूर्ति ने किया। स्टेडियम रोड पर स्थित रिद्धिमा के स्थापना दिवस कार्यक्रम में ट्रस्ट के संस्थापक देवमूर्ति ने प्रेरणास्रोत स्वतंत्रता सेनानी, अपने पिता पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद राममूर्ति को याद किया। उन्होंने कहा कि बाबूजी की 115वीं जयंती है।

याद में रिद्धिमा की स्थापना की।

संगीत के प्रति बाबूजी के लगाव से प्रेरित होकर ही तीन वर्ष पहले उनकी याद में नृत्य, संगीत, कला, अभिनय को समर्पित रिद्धिमा की स्थापना की। खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय से मान्यता हासिल करने वाला यह संस्थान भारतीय संगीत और कला को संरक्षित करने में अपना अप्रतिम योगदान दे रहा है। विजुअल आर्ट को बढ़ावा देने के लिए रिद्धिमा में फोटोग्राफी कोर्स आरंभ किया गया है। इसके तहत इस कोर्स को सीखने वालों को 3 और 6 माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

Advertisment

इसे भी पढ़ें-महात्मा ज्योतिबा फूले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के 50में स्थापना दिवस पर स्पोर्ट्स मीट का आयोजन

srms

तीन वर्ष में रिद्धिमा में हुआ 120 नाटकों का मंचन

Advertisment

देव मूर्ति ने कहा कि पिछले तीन वर्ष में रिद्धिमा में 120 नाटकों का मंचन किया गया। कथक के 30, भरतनाट्यम के 21, वादन और गायन के 36 कार्यक्रम यहां आयोजित हुए। स्थापना के बाद से ही यहां  थिएटर फेस्टिवल इंद्रधनुष में नाटकों का मंचन किया जा रहा है। इसमें देश के अलग-अलग प्रांतों के कलाकार आकर नाटकों का मंचन कर रहे हैं।

इसे भी पढ़ें-राजबाला धैर्य की विशिष्ट बचपन पत्रिका का विमोचन

srms

Advertisment

5 वर्ष से लेकर 70 वर्ष तक के विद्यार्थी प्रशिक्षण ले रहे

रिद्धिमा में संचालित विभिन्न कोर्स में 5 वर्ष से लेकर 70 वर्ष तक के विद्यार्थी प्रशिक्षण ले रहे हैं। सभी विधाओं में यहां डेढ़ सौ विद्यार्थी शिक्षा हासिल कर रहे हैं। चार सौ से ज्यादा विद्यार्थी यहां से प्रशिक्षण ले चुके हैं। यहां स्थापित इंस्ट्रुमेंट म्यूजियम सभी के आकर्षण का केंद्र है। जिसमें रखे वाद्ययंत्रों को देख कर संगीत-प्रेमी भी अंगुलियों को दांत में दबा लेते हैं। कला जगत में रिद्धिमा ने कम समय में अपना अलग मुकाम बना लिया है। यह सब आप सभी कलाप्रेमियों के विश्वास की बदौलत ही संभव हुआ है।

इसे भी पढ़ें-दिल्ली में भाजपा की जीत के शिल्पकार बने फायरब्रांड नेता पप्पू भरतौल

srms

मां शारदे की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित और पुष्पांजलि

इससे पहले मां शारदे की मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्वलन और पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ स्थापना दिवस कार्यक्रम आरंभ हुआ। गायन गुरुओं ने सरस्वती वन्दना और संस्थान गीत को अपनी आवाज दी। कथक के गुरुओं के साथ विद्यार्थियों ने समर्पण के जरिए अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। कथक और भरतनाट्यम के सभी गुरुओं और शिष्यों ने अरज सुनो बनवारी फ्यूजन पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। थिएटर गुरु विनायक श्रीवास्तव और उनके विद्यार्थियों ने हास्य नृत्य नाटिका छींक प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी।

srms

फाइन आर्ट्स प्रदर्शनी का किया उद्घाटन।

इंस्ट्रूमेंट, वोकल और लाइव पेंटिंग की सामूहिक प्रस्तुति को सभी दर्शकों ने सराहा। चौथे स्थापना दिवस पर उषा गुप्ता ने रिबन काट कर फाइन आर्ट्स प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। सभी ने प्रदर्शित पेंटिंग की सराहना की। इसके विजेताओं को भी सम्मानित भी किया गया। स्थापना दिवस कार्यक्रम का संचालन डा. अनुज कुमार ने किया। उन्होंने सभी अतिथियों का स्वागत किया और पिछले वर्ष में हासिल रिद्धिमा की उपलब्धियों की जानकारी दी। समारोह में पूर्व महापौर सुप्रिया ऐरन, आशा मूर्ति, आदित्य मूर्ति, श्यामल गुप्ता, डा. रजनी अग्रवाल, एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) डा. एमएस बुटोला, डा. आरपी सिंह, डा.प्रभाकर गुप्ता, डा.शैलेश सक्सेना, डा. रीटा शर्मा, शैली सक्सेना, अजीत सक्सेना, विनीत वर्मा, सहित शहर के गणमान्य लोग उपस्थित थे।

Advertisment
Advertisment