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संघ के नेता बने भाजपा के नव निर्वाचित पदाधिकारियो के खेवनहार

भाजपा के जिला और महानगर अध्यक्ष पद पर अब निर्वाचन की घोषणा हो चुकी है। कुछ सियासी पंडित नव निर्वाचित जिला और महानगर अध्यक्ष बनाने के पीछे किसी न किसी बड़ी हस्ती को किंगमेकर बनाने की अटकलें लगाते हैं।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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बरेली। भाजपा के जिला और महानगर अध्यक्ष पद पर अब निर्वाचन की घोषणा हो चुकी है। नव निर्वाचित पदाधिकारियों पर सियासी अटकलबाजी का दौर भी जारी है। कुछ सियासी पंडित नव निर्वाचित जिला और महानगर अध्यक्ष बनाने के पीछे किसी न किसी बड़ी हस्ती को किंगमेकर बनाने की अटकलें लगाते हैं।  मगर, भाजपा के नव निर्वाचित जिला और महानगर अध्यक्ष के मनोनयन पर अंतिम मुहर संघ के आशीर्वाद के बाद ही लगी। इसमें संघ के एक स्थानीय नेता की महत्वपूर्ण भूमिका रही। भाजपा के आंवला और बरेली जिला अध्यक्ष के अलावा महानगर अध्यक्ष के मनोनयन में बरेली के स्थानीय एक संघ नेता ने परदे के पीछे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अब नई जिला और महानगर कार्यकारिणी के गठन में भी इनकी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता। 

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भाजपा की राजनीति करने वाले ज्यादातर नेता अच्छी तरह से जानते हैं कि पार्टी के बड़े से लेकर छोटे पदाधिकारियों के मनोनयन में आरएसएस परदे के पीछे से अपनी भूमिका निभाता है। संघ नेता कभी भी किसी की पैरवी करने के लिए खुलकर सामने नही आते। लेकिन, वह जिस भी भाजपा नेता को अपना आशीर्वाद देते हैं। ज्यादातर उसी के नाम पर अंतिम मुहर भाजपा हाईकमान लगा देता है। संघ के नेता जिस किसी को भी अपना आशीर्वचन देते हैं। उससे सिर्फ यह कहते हैं कि आपकी चिंता की जा रही है। राजनीतिक अटकलें हैं कि बरेली के एक स्थानीय संघ के एक नेता ने भी भाजपा के आंवला और बरेली के अलावा महानगर अध्यक्ष बनवाने में परदे के पीछे से अपनी  भूमिका अदा की। सू़त्रों के मुताबिक स्थानीय संघ नेता ने बरेली जिला और महानगर अध्यक्ष पद के दावेदारों को लखनऊ और दिल्ली बड़े पदाधिकारी का आशीर्वाद दिलाया। फिर फोन करके भी इनकी चिंता करने के लिए कहा। उसके बाद ही तीनों के नाम पर अंतिम मुहर लग सकी। 

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दावेदार चुपचाप आकर ले गए आशीर्वाद 

सू़त्रों के अनुसार भाजपा के जिला और महानगर अध्यक्ष पद के दावेदार संघ नेता के उनके आवास पर चुपचाप आकर अपनी पैरवी करा ले गए। हालंकि नामांकन के प्रारंभिक दौर में भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष की दोबारा ताजपोशी को लेकर संघ नेता ने भाजपा के प्रदेश नेतृत्व से पैरवी की थी। लेकिन, पूर्व जिला अध्यक्ष को उन पर भरोसा नहीं हुआ तो वह पार्टी के एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और चुनाव प्रभारी का आशीर्वाद लेने लखनऊ चले गए। इससे गुस्सा होकर संघ नेता ने उनकी पैरवी से हाथ खींच लिया। इसका नतीजा यह निकला कि रेस में सबसे आगे होने के बाद भी पूर्व जिला अध्यक्ष इस बार जिला अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हो गए।  उनका मनोनयन नही हो सका।  लेकिन महानगर अध्यक्ष और एक दूसरे जिला अध्यक्ष की दोबारा ताजपोशी कराने में संघ नेता को सफलता मिल गई। फिलहाल भाजपा के दोनो जिला अध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष घोषित हो चुके हैं तो उसमे पर्दे के पीछे संघ नेता की भूमिका भी निकलकर सामने आने लगी है। 

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राज्य का गवर्नर बनवाने में भी निभाई थी भूमिका 

सू़त्रों का कहना है कि स्थानीय संघ नेता ने बरेली के एक दिग्गज भाजपा नेता का टिकट कटने के बाद उनको दूसरे राज्य का गवर्नर बनवाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इन संघ नेता ने राज्यपाल की सूची जारी होने से पहले कई बार के सांसद और दिग्गज नेता को नागपुर और बंगलौर में ले जाकर संघ के बड़े पदाधिकारियों से मिलवाकर उनका आशीर्वाद दिलाया। इसका अहसान ये दिग्गज नेता अब भी मानते हैं। हाल में जब वह बरेली आए तो होली मिलने संघ नेता के कर्मचारी नगर की एक कॉलोनी स्थिति उनके आवास पर भी गए थे। एक व्यापारी नेता सरकारी गनर और अहम पद पाने के लिए संघ नेता के घर के चक्कर लगा रहे हैं।

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नई कार्यकारिणी बनवाने में भी रहेगी भूमिका 

भाजपा और संघ के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि बरेली और आंवला के जिला व बरेली का महानगर अध्यक्ष बनने के बाद आने वाले दिनों में तीनों जगह नई कार्यकारिणी भी बनेगी। कौन से पुराने पदाधिकारी नई कार्यकारिणी में रहेंगे। कौन से  बाहर होंगे। इसमें भी संघ नेता की भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है। इसी के चलते नई कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष, महामंत्री समेत कार्यकारिणी बाकी पद पाने के लिए कुछ दावेदारो ने संघ नेता के आवास के चक्कर लगाने शुरू कर दिए हैं।

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