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बरेली, वाईबीएन संवाददाता। भूमि संरक्षण विभाग में घपले-घोटाले से जुड़े पुराने विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब नया विवाद कार्यवाहक भूमि संरक्षण अधिकारी संजय सिंह से जुड़ा है। इनका 15 जून को शासन ने बांदा तबादला कर दिया था। तबसे अब तक यह खुद तो रिलीव नहीं हुए। मगर, कार्यवाहक बीएसए ने अपना ट्रांसफर होने के बावजूद अनाधिकृत तरीके से अपने विभाग के जेई को तुरंत आजमगढ़ रिलीव कर दिया। जेई को इतनी जल्दी रिलीव करने की वजह यह है कि अवर अभियंता कार्यवाहक बीएसए के भ्रष्टाचार की पोल खोलने में लगा था। कार्यवाहक बीएसए बरेली या आस-पास के जिलों में बने रहने के लिए भाजपा एमएलसी से प्रमुख सचिव कृषि और निदेशक कृषि, संयुक्त कृषि निदेशक बरेली मंडल को पत्र लिखवाकर खुद को रिलीव न करने की गुहार लगाई है। ताकि तबादले पर स्टे लेने के लिए कोर्ट जाने का रास्ता साफ हो सके।
कार्यवाहक भूमि संरक्षण अधिकारी संजय सिंह, (जिनका मूल पद उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी का है) का विवादों से पुराना नाता है। बरेली में जबसे इनकी तैनाती हुई। तबसे विभागीय घोटाले करने की वजह से यह हमेशा विवादों में रहे। शासन ने संजय सिंह का 15 जून को इसी पद पद बुंदेलखंड के बांदा जनपद में तबादला कर दिया था। तबसे चार दिन बीतने के बाद भी संजय सिंह रिलीव नहीं हुए। इसके साथ ही कार्यवाहक बीएसए ने प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र कुमार, निदेशक डॉ जितेंद्र तोमर और संयुक्त कृषि निदेशक डीवी सिंह को पत्र लिखकर अपने खराब स्वास्थ्य और अपनी पत्नी की उत्तराखंड के रुद्रपुर में सरकारी नौकरी का हवाला देकर रिलीव न करने की गुहार लगाई। कार्यवाहक बीएसए ने अपने पत्र में कहा है कि उनकी सेवानिवृत्ति में दो साल रह गए हैं। इसलिए, उनका तबादला बांदा न करके बरेली में रोक दिया जाए, ताकि वह रुद्रपुर से ट्रेन या कार से डेली अप डाउन करके अपनी नौकरी आसानी से चला सकें। अपने पत्र को वजन देने के लिए कार्यवाहक बीएसए ने एक सजातीय भाजपा एमएलसी का पत्र भी सपोर्ट के लिए लिखवाया है।
निवर्तमान भाजपा विधायक के पत्र पर चल रही है टीएसी जांच
कार्यवाहक भूमि संरक्षण अधिकारी संजय सिंह ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि और डब्ल्यूडीसी योजनाओं में शासन से निर्धारित मानकों के विरुद्ध घटिया स्तर की सामग्री लगवाकर पक्के और कच्चे काम कराए हैं। निवर्तमान भाजपा विधायक राजेश कुमार मिश्रा पप्पू भरतौल ने इन घपलों पर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन को पत्र लिखा था। उस पत्र पर मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने भूमि संरक्षण विभाग के कामों की टीएसी जांच कराई थी। उसमें कार्यवाहक बीएसए संजय सिंह ने जांच टीम का सहयोग नहीं किया था। न ही जांच टीम को भूमि संरक्षण के कामों से संबंधित कामों के अभिलेख उपलब्ध कराए थे। सूत्रों के अनुसार भूमि संरक्षण विभाग के करोड़ों रुपए के घपले की यह जांच अब अंतिम दौर में है। इसमें कार्यवाहक बीएसए संजय सिंह पूरी तरह से फंसते नजर आ रहे हैं। इन पर आने वाले दिनों में शासन से कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
वर्जन
शासन ने जिन अधिकारियों के ट्रांसफर दूसरे जिलों में किए हैं। उनको तत्काल खुद ही रिलीव हो जाना चाहिए। अगर वह स्वेच्छा से रिलीव नहीं होते हैं तो शासन इसका भी संज्ञान लेगा। अनुशासनहीनता में संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई होगी।
डीवी सिंह, सयुक्त कृषि निदेशक बरेली मंडल बरेली