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बरेली। संकट मोचन हनुमान मंदिर स्थित खिरनी बाग धर्मशाला में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास डॉ निर्मल द्विवेदीजी ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा मनुष्य की सभी इच्छाओं को पूरा करती है। यह कल्पवृक्ष के समान है। भागवत कथा ही साक्षात कृष्ण है। जो कृष्ण है। वही साक्षात भागवत है। भागवत कथा भक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है। कथा व्यास ने पांडवों के जीवन में होने वाली श्रीकृष्ण की कृपा को बड़े ही सुंदर ढंग से दर्शाया।
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कहा कि परीक्षित कलियुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जाते हैं। उसी के पश्चाताप में वह शुकदेव जी के पास जाते हैं। भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है, जो जीवन में परेशानियों का उत्तम समाधान देती है। साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करती है।
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महाराज जी ने बताया कि श्री सुखदेव जी ने कहा किपरीक्षित योग की साधना करने वाले साधक को सबसे पहले अपने शरीर को बस में करने के लिए यथोचित आसन पर बैठ कर शक्ति को अपने बस में करने के लिए प्राणायाम साधन करने के साथ ही विषय एवं कामनाओं को त्याग कर इंद्रियों को अपने नियंत्रण में करके ज्ञान का प्रयोग कर मन को चारों ओर से इस प्रकार समेट लेना चाहिए। जैसे कछुआ अपने सिर पैर को समेट लेता है।इतना करने के पश्चात भगवान के विराट रूप का ध्यान करें जो व्यक्ति बुद्धि और ज्ञान से अपने मन को बस में करके भगवान का ध्यान करता है। उसे भगवान योगेश्वर श्री कृष्ण अवश्य प्राप्त होते हैं।
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बरेली से पधारे संघ परिवार के प्रांत सह सेवा प्रमुख चंदन ने व्यास पीठ का पूजन कर कथा का शुभारंभ कराया। कथा में विश्व मोहन बाजपेई हरि शरण बाजपेई सतीश वर्मा अभिषेक बाजपेई नीरज बाजपेई का सहयोग रहा।