/young-bharat-news/media/media_files/2025/03/03/q1wnCCG2HPa8bXkxqiJq.jpg)
00:00
/ 00:00
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। जयपुर में हुए 12वें में रीजनल 3आर (रिड्यूस, रीयूज, रिसाइकल) और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम के उद्घाटन सत्र में बरेली स्मार्ट सिटी लिमिटेड के लिए CITIIS 2.0 (सिटी इन्वेस्टमेंट्स टू इनोवेट, इंटीग्रेट एंड सस्टेन) परियोजना के तहत एक महत्वपूर्ण समझौता हस्ताक्षरित किया गया। इस समझौते पर भारत सरकार की ओर से संयुक्त सचिव, रूपा मिश्रा, आईएएस (आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार), उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अपर निदेशक, ऋतु सुहास (नगर विकास विभाग) तथा बरेली स्मार्ट सिटी लिमिटेड एवं नगर निगम बरेली की ओर से कार्यकारी अधिकारी एवं नगर आयुक्त, संजीव कुमार मौर्य ने हस्ताक्षर किए। इस परियोजना की कुल लागत 87 करोड़ रुपये है। इसमें 75 करोड़ की धनराशि भारत सरकार निधि से उपलब्ध कराई जाएगी, जबकि शेष (लगभग 12 करोड़ रुपये) का वित्तीय भार नगर निगम बरेली द्वारा वहन किया जाएगा।
इसे भी पढ़ें-डॉ रजनीश कायस्थ कल्याणकारी सभा के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष बने
CITIIS 2.0 परियोजना भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित एक अभिनव पहल है। इसका उद्देश्य शहरी विकास को नवाचार, एकीकरण और स्थिरता के सिद्धांतों पर आधारित बनाना है। यह परियोजना एशियाई विकास बैंक (ADB), जर्मन विकास बैंक (KFW), फ्रांसीसी विकास एजेंसी (AFD) और यूरोपीय संघ (EU) के सहयोग से वित्त पोषित की जा रही है। इसका मुख्य फोकस हरित शहरी अवसंरचना (Green Urban Infrastructure), जलवायु अनुकूल शहरी योजनाएँ (Climate Resilient Urban Planning), सतत कचरा प्रबंधन, और सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने पर है। परियोजना के तहत देश के विभिन्न शहरों को पर्यावरणीय, सामाजिक और आर्थिक रूप से अधिक टिकाऊ बनाने के लिए सहायता दी जा रही है।
इसे भी पढ़ें-अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के सदस्य विकल्प भारद्वाज को श्रद्धांजलि
बरेली में CITIIS 2.0 परियोजना का प्रमुख उद्देश्य ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Integrated Solid Waste Management) को प्रभावी और आधुनिक बनाना तथा सर्कुलर इकोनॉमी को अपनाना है। इसके अंतर्गत कचरे का वैज्ञानिक निपटान, पुनर्चक्रण, जैविक और अजैविक कचरे का पृथक्करण, संसाधनों का पुन: उपयोग, ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास, नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा, जल प्रबंधन और वायु गुणवत्ता सुधार जैसी महत्वपूर्ण पहल की जाएंगी। इस परियोजना के माध्यम से शहर के कचरा प्रबंधन तंत्र को स्मार्ट और प्रभावी बनाते हुए शून्य अपशिष्ट (Zero Waste) मॉडल लागू करने पर जोर दिया जाएगा।
इसे भी पढ़ें-नशा स्वास्थ्य ही नहीं सामाजिक प्रतिष्ठा पर भी डालता है असर
12वां रीजनल 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम एक महत्वपूर्ण मंच है, जिसमें भारत सहित विभिन्न देशों के विशेषज्ञ, नीति-निर्माता और शोधकर्ता शहरी विकास, कचरा प्रबंधन, पुनर्चक्रण, पर्यावरण संरक्षण और सतत जीवनशैली को लेकर विचार-विमर्श कर रहे हैं। इस समझौते के साथ, बरेली शहर को स्मार्ट, पर्यावरण-अनुकूल और सतत विकास की दिशा में अग्रसर करने के लिए एक सशक्त आधार प्राप्त हुआ है, जिससे शहरी जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।