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बरेली पोस्टमार्टम हाउस पर मौजूद मृतक के पिता रघुवरदयाल और परिवार के अन्य लोग।
बरेली,वाईबीएनसंवाददाता
बरेली। बरेली के शाही थाना क्षेत्र के केरा गांव निवासी एक युवक अपनी पत्नी के मायके से न आने पर मानसिक तनाव में रहता था। शादी की साल गिरह वाले दिन बुधवार को वह ससुराल जाने के लिए कहकर अपने घर से निकला था, लेकिन वहां गया नहीं। रास्ते में उसने जहर खा लिया, जिससे बेसुध हो गया। सूचना मिलने पर पहुंचे परिवार वाले उसे अस्पताल ले गए। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
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शाही थाना क्षेत्र के केरा गांव निवासी 25 वर्षीय प्रदीप की शादी करीब एक साल पहले मंजू के साथ हुई थी। मंजू के मायके वाले शहर में सौफुटा रोड स्थित कॉलोनी में रहते हैं। प्रदीप के पिता ने रघुवरदयाल ने बताया कि प्रदीप की पत्नी मायके में रह रही थी। उन्होंने उसे कई बार बुलाने की कोशिश की, लेकिन मंजू नहीं आई। पत्नी के न आने की वजह से प्रदीप मानसिक तनाव में रहने लगा।
ससुराल जाने को घर से निकला था प्रदीप
परिजनों के मुताबिक बुधवार 26 फरवरी को प्रदीप की शादी की साल गिरह थी। सुबह करीब 11 बजे वह ससुराल जाने की कहकर घर से निकला था। दोपहर करीब दो बजे उसके पिता रघुवरदयाल के मोबाइल पर अनजान नंबर से फोन पहुंचा। फोन करने वाले ने बरेली-दिल्ली नेशनल हाईवे फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र में शंखा नदी पुल के पास प्रदीप के बेसुध पड़े होने की सूचना दी।
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अस्पताल में इलाज के दौरान तोड़ा दम
पिता रघुवर दयाल ने बताया कि सूचना मिलने के बाद वह मौके पर पहुंचे तो वहां प्रदीप के ससुराल वाले पहले से मौजूद थे। प्रदीप बेसुध हालत में जमीन पर पड़ा था। इसके बाद उसे शहर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां डाक्टर ने प्रदीप के जहर खा लेने से हालत बिगड़ने की बात कही, लेकिन वह उसकी जान नहीं बचा सके। इसके बाद इलाज के दौरान प्रदीप ने दम तोड़ दिया।
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प्रदीप ने झूठ बोलकर मंजू से की थी शादी
पुलिस ने गुरुवार को प्रदीप का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। पोस्टमार्टम हाउस पर प्रदीप के ससुराल पक्ष के कुछ लोग भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि शादी का रिश्ता तय होने के समय प्रदीप और उसके घरवालों ने झूठ बोला था। उन्होंने प्रदीप के रेलवे में टीसी पद पर तैनात होने की बात बताई थी। फर्जी कागजात भी दिखाए थे। मगर शादी के बाद नौकरी की बात झूठ निकली। आरोप यह भी है कि प्रदीप ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर कई लोगों से लाखों रुपये ले लिए थे। वे लोग अपने रुपये लौटाने के लिए दबाव बना रहे थे। जबकि वह रकम सट्टे में हार चुका था। इसी कारण वह मानसिक तनाव में रहता था।
दोनों पक्षों के बीच हुआ समझौता
प्रदीप की मौत के बाद उसके परिजन और ससुराल वालों के बीच तनातनी बढ़ गई थी। मगर कुछ रिश्तेदारों ने दोनों पक्षों को समझाकर आपस में समझौता करा दिया। इसीलिए इस मामले में परिवार या ससुराल वालों की ओर से कोई तहरीर पुलिस को नहीं दी गई।