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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के मानविकी विभाग में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें वक्ताओं ने महिला सशक्तीकरण, सामाजिक समरसता और महिलाओं की भूमिका पर अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में डॉ. अनीता त्यागी ने कहा कि महिलाओं का सशक्तीकरण केवल उनके अधिकारों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में समानता और न्याय की स्थापना का एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने दहेज प्रथा और नशा जैसी कुप्रथाओं पर कड़ा प्रहार करते हुए युवाओं को इन सामाजिक बुराइयों के खिलाफ जागरूक होने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि एक सशक्त महिला ही परिवार और समाज को नई दिशा देने में सक्षम होती है। हमें अपने विचारों को दृढ़ बनाना होगा और सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ते हुए आगे बढ़ना होगा।
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महिला-पुरुष सहयोग और सम्मान की भावना से करें काम
प्रो. शोभना सिंह ने कहा कि समाज का ताना-बाना स्त्री और पुरुष के समान योगदान से निर्मित होता है। सशक्त समाज की परिकल्पना तब ही संभव है, जब पुरुष और महिलाएं परस्पर सहयोग और सम्मान की भावना से कार्य करें। महिला दिवस केवल महिलाओं के उत्थान की बात नहीं करता, बल्कि समरसता और परस्पर सहयोग का संदेश भी देता है।
पुरुषों के विरोध में खड़ा होना महिला सशक्तीकरण नहीं
डॉ. स्वाति दांद्रियाल ने कहा कि महिला सशक्तीकरण का अर्थ पुरुषों के विरोध में खड़ा होना नहीं है, बल्कि उनके सहयोग से आगे बढ़ना है। परिवार और समाज में पुरुषों की सकारात्मक भूमिका से ही महिलाओं को सशक्त बनने का अवसर मिलता है। शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका पर नीरू त्यागी ने विद्यार्थियों को निर्भय होकर जीवन जीने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि डर और संकोच से उबरकर ही महिलाएं अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकती हैं। आत्मविश्वास ही सफलता की कुंजी है।
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गृहिणी से सफल व्यवसायी बनने तक का सफर किया साझा
अनीता गंगवार ने अपने संघर्षों की कहानी साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने एक गृहिणी से एक सफल व्यवसायी बनने तक का सफर तय किया। उन्होंने छात्रों को संदेश दिया कि यदि इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कोई भी चुनौती असंभव नहीं होती। चिया ली चेन ने महिलाओं को लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़ी।
डॉ. स्वेता त्यागी ने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए, लेकिन वे इन अधिकारों का दुरुपयोग न करें। समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हमें अपने कर्तव्यों को भी समझना होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता मानविकी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अनीता त्यागी ने की। इस दौरान ममता त्यागी, सुनीता शर्मा, डॉ. सारा लिउ आदि मौजूद रहीं।