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Land for job scam: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के पूर्व अध्यक्ष और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी आरके महाजन पर रेलवे के चर्चित लैंड फॉर जॉब घोटाले में मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने महाजन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। आरके महाजन पर आरोप है कि रेल मंत्री रहते लालू प्रसाद यादव के अवैध नियुक्तियों में उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई।
लैंड फॉर जॉब घोटाले में आरोप है कि रेलवे में ग्रुप डी की नौकरियों के बदले उम्मीदवारों से लालू परिवार के नाम जमीन रजिस्ट्री करवाई गई। आरके महाजन, जो उस समय लालू प्रसाद यादव के निजी सचिव और रेलवे में जन शिकायत कोषांग के कार्यकारी निदेशक थे, उनके ऊपर इन अवैध कार्यों को अंजाम देने का आरोप है। इस घोटाले में अब तक 7 ऐसे उदाहरण सामने आए हैं, जहां उम्मीदवारों को नौकरी के बदले जमीन हस्तांतरित की गई।
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सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि महाजन ने रेल भवन में अपनी तैनाती के दौरान इस घोटाले में अहम भूमिका निभाई। कोर्ट ने सीबीआई की दलीलों को स्वीकार करते हुए उन्हें अभियुक्त बनाने की मंजूरी दी है। आरके महाजन न केवल लालू यादव बल्कि नीतीश कुमार के भी करीबी अधिकारियों में गिने जाते थे। 2020 में सेवानिवृत्ति के बाद नीतीश सरकार ने उन्हें उसी दिन बिहार लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। महाजन के अध्यक्ष रहते 2022 में बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक हो गया था, जिससे परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी। इसके बावजूद महाजन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और वे अपने कार्यकाल के अंत तक पद पर बने रहे।
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लैंड फॉर जॉब घोटाले में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव आरोपी हैं। आरोप है कि रेलवे में नौकरी के बदले लालू परिवार ने अवैध तरीके से जमीनें हासिल की थीं। ईडी और सीबीआई ने इस मामले में तेजस्वी यादव से हाल ही में लंबी पूछताछ की। सीबीआई ने दावा किया कि तेजस्वी ने दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में 150 करोड़ रुपये का बंगला अवैध तरीके से हासिल किया था, जो इस घोटाले से जुड़ा है। सीबीआई ने 2021 में इस मामले की जांच शुरू की थी और सबूतों के आधार पर केस दर्ज किया था।
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