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मुंबई, वाईबीएन डेस्क।शेयर मार्केट नियंत्रक सेबी से देश के प्रमुख उद्योगपति गौतम अदाणी ग्रुप को बड़ी राहत मिली है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने अमेरिका की शॉर्ट सेलर, हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। सेबी ने अपना फाइनल ऑर्डर जारी कर दिया है। सेबी ने साफतौर पर कहा है कि अडानी ग्रुप, गौतम अदाणी और राजेश अदाणी समेत ग्रुप की कंपनियों अदाणी पोर्ट, अदाणी पॉवर और एडिकॉर्प एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है और इन पर आरोप साबित नहीं हुए हैं।उधर, हिंडनबर्ग मामले में अदाणी समूह को क्लीनचिट मिलने के बाद राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक कदम करार दिया।
कोई जुर्माना नहीं लगाया गया
सेबी ने कहा कि नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। इसके साथ ही न तो अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस, मार्केट मैन्युपलेशन या इनसाइडर ट्रेडिंग के सबूत मिले हैं। सेबी ने यह भी जिक्र किया कि हिंडनबर्ग मामले में अदाणी ग्रुप पर लगे आरोप सिद्ध नहीं हो सके। लिहाजा मार्केट रेगुलेटर ने कोई जुर्माना नहीं लगाया है। ऐसे में अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड, अदाणी पावर लिमिटेड और अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को किसी भी देनदारी से मुक्त कर दिया।
लेन-देन में नहीं मिली कोई गड़बड़ी
मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, सेबी के आदेश के अनुसार संबंधित पक्ष के लेन-देन में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। जिसके बाद बाजार नियामक ने हिंडनबर्ग रिसर्च कीओर से लगाए गए आरोपों के संबंध में अदाणी ग्रुप के खिलाफ दायर मामले का निपटारा करते हुए क्लीनचिट दे दी है। बता दें कि हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद अदाणी ग्रुप की कई कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई थी। इससे निवेशकों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था।
सेबी ने क्लोज किया केस
सेबी के होल-टाइम मेंबर कमलेश सी. वार्ष्णेय की ओर से पारित किए गए सेबी के ऑर्डर में कहा गया है कि पूरे मामले को गहनपूर्वक जांच पड़ताल और विचार करने के बाद मैंने देखा कि SCN में नोटिसीज के खिलाफ लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। लिहाजा इस मामले में नोटिसीज के खिलाफ पेनाल्टी पर किसी तरह के विचार की जरूरत नहीं पाई गई। इसलिए मैं नोटिसीज के खिलाफ चल रही प्रक्रिया को बगैर किसी निर्देश तुरंत बंद करता हूं।
हिंडनबर्ग मामले में अदाणी समूह बेदाग
समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, तहसीन पूनावाला ने कहा कि यह मामला सरकार या विपक्ष का नहीं, बल्कि भारत के आर्थिक भविष्य का है। पूनावाला ने जोर देकर कहा कि भारत को अगले 30-35 वर्षों में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए एक अदाणी काफी नहीं है। देश को लाखों गौतम अदाणी और एलन मस्क जैसे उद्यमी चाहिए। इसके लिए उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देना होगा, ताकि भारत वैश्विक आर्थिक मंच पर मजबूती से खड़ा हो सके।
पूनावाला ने हिंडनबर्ग पर निशाना साधते हुए कहा कि यह वॉल स्ट्रीट का कोई शूरवीर नहीं, बल्कि 'वॉल स्ट्रीट के भेड़िये' थे, जिनका मकसद भ्रम फैलाकर भारतीय अर्थव्यवस्था पर हमला करना और मुनाफा कमाना था।उन्होंने बताया कि 1,200 पन्नों की विस्तृत जांच रिपोर्ट में हिंडनबर्ग के सभी आरोपों की गहन समीक्षा की गई। सुप्रीम कोर्ट ने हर सवाल का जवाब देते हुए गौतम अदाणी, राजेश अदाणी और अदाणी समूह के अन्य सदस्यों को क्लीन चिट दे दी। Adani Group SEBI news | Adani Group | Adani Group investment | Adani Latest Update
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