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Cyber Attacks: पिछले वर्ष 72 प्रतिशत भारतीय कंपनियों पर एआई आधारित साइबर हमले हुए- रिपोर्ट

भारत में पिछले वर्ष करीब 72 प्रतिशत संगठनों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित साइबर हमले हुए हैं। साइबर अपराधियों के लिए एआई एक नया हथियार, एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

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YBN News
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cyberattacks Photograph: (ians)

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बेंगलुरु,आईएएनएस। भारत में पिछले वर्ष करीब 72 प्रतिशत संगठनों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित साइबर हमले हुए हैं। एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। साइबरसिक्योरिटी फर्म फोर्टिनेट और ग्लोबल रिसर्च एजेंसी आईडीसी की एक लेटेस्ट रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि साइबर अपराधियों के लिए एआई अब एक नया हथियार बन गया है, जिसकी मदद से वे अब पहले से ज्यादा गुप्त और खतरनाक हमले कर सकते हैं।

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साइबर अपराधियोंके लिए एआई एक नया हथियार

निष्कर्षों से पता चलता है कि एआई आधारित इन हमलों की न केवल संख्या बढ़ रही है बल्कि इनका पता लगाना भी मुश्किल होता जा रहा है।एआई आधारित हमले उन क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहे हैं, जहां पुराने ट्रेडिशनल साइबर सिक्योरिटी टूल्स भी अप्रभावी बन जाते हैं। भारत में सबसे आम एआई-इनेबल्ड खतरों में क्रेडेंशियल स्टफिंग, ब्रूट फोर्स अटैक, बिजनेस ईमेल में डीपफेक प्रतिरूपण, एआई-जनरेटेड फिशिंग स्कैम और पॉलीमॉर्फिक मालवेयर शामिल हैं।

एडवांस अटैक से बचाव

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इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि भारतीय फर्मों में तैयारी की कमी है। केवल 14 प्रतिशत संगठनों का कहना है कि वे इस तरह के एडवांस अटैक से बचाव करने की अपनी क्षमता को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं। इस बीच, 36 प्रतिशत संगठनों  ने माना कि एआई-आधारित खतरों की पहचान करना उनकी क्षमता से बाहर हो गया है। वहीं, 21 प्रतिशत संगठनों के पास इस तरह के अटैक को ट्रैक करने के लिए कोई सिस्टम नहीं है।

साइबर क्रिमिनल टूलकिट

आईडीसी के एशिया/प्रशांत (एपी) क्षेत्र के अनुसंधान उपाध्यक्ष साइमन पिफ ने कहा, "साइबर क्रिमिनल टूलकिट में एआई का उदय अब भविष्य का खतरा नहीं है। यह वर्तमान में मौजूद है।" उन्होंने कहा, "संगठनों को आगे रहने के लिए रिएक्टिव रणनीतियों से आगे बढ़ने और प्रीडिक्टिव, इंटेलिजेंस-ड्रिवन साइबर सिक्योरिटी मॉडल अपनाने की जरूरत है।" 

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एआई अब सबसे बड़ा खतरा

रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि साइबर जोखिमभारतीय व्यवसायों के जीवन में एक स्थायी समस्या बन गया है। इस तरह के अटैक अब क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर और सॉफ्टवेयर सप्लाई चेन को टारगेट कर रहे हैं। फिशिंग और रैनसमवेयर जैसे पुराने खतरे अभी भी मौजूद हैं, लेकिन नए अधिक जटिल हमले जैसे कि अंदरूनी खतरे और क्लाउड मिसकॉन्फिगरेशन को अधिक नुकसानदायक माना जाता है।

फोर्टिनेट में भारत और एसएएआरसी के कंट्री मैनेजर विवेक श्रीवास्तव ने कहा, "एआई अब सबसे बड़ा खतरा भी है और सबसे पावरफुल डिफेंस भी है।"

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