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Iran-Israel Tension का असर — दहला इंडियन शेयर मार्केट : लाखों निवेशकों की उम्मीद पर भारी चोट! | यंग भारत न्यूज
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारतीय शेयर बाजार में गिरावट जारी है। आज (28 जुलाई) भी सेंसेक्स और निफ्ट गिरावट के साथ खुले हैं। पिछले तीन दिनों में निवेशकों के 13 लाख करोड़ रुपए डूब गए हैं। इसकी एक बड़ी वजह अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड डील में हो रही देरी है। 1 अगस्त से अमेरिकी टैरिफ लागू होना है। ऐसे में विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से अपना पैसा निकाल रहे हैं। साथ ही कमजोर तिमाही के नतीजे भी इस गिरावट की वजह है।
किस दिन, कितना गिरा बाजार?
सोमवार को सेंसेक्स 572 अंकों की गिरावट के साथ 80,891.02 पर बंद हुआ था। निफ्टी 50 इंडेक्स 156 अंक टूटकर 24,680.90 पर बंद हुआ। सभी सेक्टर में भारी बिकवाली के कारण बीएसई मिडकैप इंडेक्स में भी 0.73 प्रतिशत और स्मॉलकैप इंडेक्स में 1.31 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई। सिर्फ तीन सत्रों में सेंसेक्स 1,836 अंक टूटा है। निफ्टी 50 में 2.1 प्रतिशत की गिरावट आई है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 23 जुलाई को 460.35 लाख करोड़ से घटकर 28 जुलाई को 448 लाख करोड़ रह गया। सोमवार को बाजार से 4 लाख करोड़ डूब गया। मार्केट कैप 451.7 लाख करोड़ से नीचे चला गया।
गिरावट की वजह
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील फाइनल नहीं हुआ है। 1 अगस्त से पहले किसी समझौते के होने का संकेत भी नहीं मिल रहा। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के चीफ इंवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजय कुमार ने बताया कि जापान और यूरोपीय यूनियन के साथ व्यापार समझौते, जिन्हें शुरू में मुश्किल माना जा रहा था तो हो गए हैं। मगर, बहुप्रतीक्षित भारत-अमेरिका व्यापार समझौता अधर में लटका है। इसने बाजार की धारणा को प्रभावित किया है।
5 दिनों में FPI ले 13,550 करोड़ से अधिक के शेयर बेचे
भारतीय शेयर बाजार के बढ़ते वैल्यूएशन के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) लगातार पैसे निकाल रहे हैं। FPIs ने 25 जुलाई तक कैश सेगमेंट में 30,509 करोड़ के भारतीय शेयर बेचे हैं। पिछले पांच दिनों में एफपीआई ने कैश सेगमेंट में 13,550 करोड़ से अधिक के भारतीय शेयर बेचे हैं। एक इंटरव्यू में विजय कुमार ने कहा है पिछले हफ्ते नकद बाजार में एफआईआई की 13,552 करोड़ की बिकवाली ने बाजार की कमजोरी को और बढ़ाया है।
कंपनियों के कमजोर नतीजे
भारतीय कंपनियों के कमजोर तिमाही के नतीजों से भी निवेशकों में डर है। विजय के मुताबिक पहली तिमाही के नतीजे, जो अब तक किसी बड़े सकारात्मक बदलाव का संकेत नहीं दे रहे, चिंता का विषय है। इस कमजोर दौर में निवेशकों को सतर्क और खास शेयर पर अधिक फोकस करना होगा।
भारत की जीडीपी वृद्धि दर घटाई
एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने अमेरिकी टैरिफ के संभावित प्रभाव और संबंधित नीतिगत उपायों को लेकर अनिश्चितता को देखते हुए वित्त वर्ष 26 के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को अप्रैल के 6.7 प्रतिशत के अनुमान से घटाकर 6.5 प्रतिशत किया है। ऐसे ही इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (Ind-Ra) ने घरेलू और वैश्विक स्थितियों में बदलाव का हवाला देते हुए वित्त वर्ष 26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को दिसंबर के 6.6 प्रतिशत से घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है।
टेक्निकल फैक्टर भी जिम्मेदार
बाजार की इस गिरावट का एक कारण टेक्निकल फैक्टर भी है। पिछले हफ्ते निफ्टी वीकली चार्ट पर इंडेक्स ने बड़ी बुलिश कैंडल बनाई है। एक्सिस सिक्योरिटीज के विशेषज्ञ का कहना है कि 20 दिवसीय SMA में इंडेक्स को कठोर प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है। उनका मानना है कि 25 हजार से नीचे लगातार बढ़ने से गिरावट 24500 से 24300 तक बढ़ सकती है। 25 हजार से ऊपर एक पॉजिटिव ब्रेकआउट से चीजें संभलने की उम्मीद हैं।
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