/young-bharat-news/media/media_files/2025/05/28/VKzVE8aei1gbXh89JCst.jpg)
DevelopedIndia Photograph: (ians)
00:00
/ 00:00
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
DevelopedIndia Photograph: (ians)
नई दिल्ली, आईएएनएस। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बुधवार को कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र 2047 तक देश के 'विकसित भारत' सपने के अनुरूप 30 ट्रिलियन डॉलर विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएमओ ने कहा, "पूर्वोत्तर भारत अब सीमांत क्षेत्र नहीं रहा, बल्कि अग्रणी क्षेत्र बन गया है।" प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा गया, "केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने व्यापार, कनेक्टिविटी के लिए रणनीतिक केंद्र के रूप में इस क्षेत्र के उदय और विकसित भारत के लिए देश के 30 ट्रिलियन डॉलर के विजन पर एक विस्तृत लेख लिखा है।" पोस्ट में आगे लिखा गया है कि इस लेख पर एक नजर डालें।
इससे पहले, केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में कहा, "पूर्वोत्तर क्षेत्र 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की कुंजी है।" उन्होंने आगे कहा, "मेरा आर्टिकल यह बताता है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र किस तरह दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए भारत के रणनीतिक प्रवेश द्वार के रूप में बदल रहा है। पूर्वोत्तर क्षेत्र व्यापार, कनेक्टिविटी और विकसित भारत के प्रति हमारी 30 ट्रिलियन डॉलर की महत्वाकांक्षा को बढ़ावा दे रहा है।"
हाल ही में हुए 'राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025' में केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र वैश्विक साझेदारी और आपसी हितों के केंद्र के रूप में उभरा है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में 4.3 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए, जिससे पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) के लिए भारत की अगली आर्थिक महाशक्ति बनने का मंच तैयार हो गया।
उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा, "हम बी2जी और बी2बी संवाद जारी रखेंगे, जहां पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय निवेशकों और राज्य सरकारों के बीच एक सेतु का काम करेगा और सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक स्वीकृत परियोजना तेजी से वास्तविकता में तब्दील हो।"
जापान से लेकर यूरोप और आसियान देशों तक - 80 से अधिक देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने समिट में भाग लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया है कि पूर्वोत्तर अब विभिन्न क्षेत्रों में शीर्ष स्तर की प्रतिभा प्रदान करता है, जिससे उद्योगों और निवेशकों को इस क्षेत्र की अपार संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।